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RBI ने रेपो रेट में 0.40% की बढ़ोतरी, शेयर बाजार हुआ धड़ाम( Photo Credit : File Photo)
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RBI ने बुधवार यानी 4 मई को बिना किसी पूर्व घोषणा के रेपो रेट (Repo Rate) में 0.40 प्रतिशत का तत्काल प्रभाव से बढ़ोतरी का ऐलान किया. इस वृद्धि के साथ रेपो रेट 4.40 फीसदी हो गया है. RBI ने यह अप्रत्याशित कदम ऐसे वक्त में उठाया है.
RBI ने रेपो रेट में 0.40% की बढ़ोतरी, शेयर बाजार हुआ धड़ाम( Photo Credit : File Photo)
RBI ने बुधवार यानी 4 मई को बिना किसी पूर्व घोषणा के रेपो रेट (Repo Rate) में 0.40 प्रतिशत का तत्काल प्रभाव से बढ़ोतरी का ऐलान किया. इस वृद्धि के साथ रेपो रेट 4.40 फीसदी हो गया है. RBI ने यह अप्रत्याशित कदम ऐसे वक्त में उठाया है , जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक (FED) की तरफ से ब्याज दरों (Interest rate) में बढ़ोतरी करने से पहले किया है. गौरतलब है कि विदेशों में ज्यादा ब्याज होने और देश में कम ब्याज दर होने की वजह से देश से विदेशी निवेश अपना धन निकाल कर विदेशों की ओर ले जाते हैं. लिहाजा, विदेशी निवेशकों को ज्यादा रिटर्न देकर उनका पैसा देश में रोके रखने के लिए ब्याज कर को ऊंचा रखना जरूरी हो जाता है, हालांकि, इससे देश में उत्पादकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है. यही वजह है कि ब्याज दरों में वृद्धि को शेयर बाजार के लिए बुरा माना जाता है. आरबीआई की ओर से रेपो रेट में इजाफे की खबर से शेयर बाजार में भूचाल आ गया. शेयर बाजार के दोनों सूचकांक में भारी गिरावट देखने को मिली है. निफ्टी में 391 अंकों की गिरावट के साथ 19677 पर बंद हुआ.वहीं, सेंसेक्स भी 1306 अंकों की गिरावट के साथ 55669 पर बंद हुआ.
खुदरा महंगाई दर बढ़ने का भी ता दबाव
RBI के इस कदम के पीछे देश में बढ़ती खुदरा महंगाई दर को भी जिम्मेदार माना जा रहा है. माना जा रहा है कि देश में बढ़ती महंगाई दर पर लगाम लगाने के लिए भी RBI को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. गौरतलब है कि रेट रेट वह दर होती है, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकों को लोन देता है. ऐसे में रेपो रेट महंगा होने का मतलब होता है कि आरबीआई अब बैंकों को पहले मुकाबले महंगा लोन उपलब्ध कराएगा. ऐसे में बैंक भी अपने ग्राहकों को महंगे दर पर लोन उपलब्ध कराता है.
इसलिए बढ़ाई जाती है रेपो रेट
दरअसल, ब्याज दर बढ़ने और घटने से उपभोग पर सीधा असर पड़ता है. माना जाता है कि ऊंची ब्याज दर होने पर लोग पैसे को तत्काल खर्च करने के बजाए पैसे को बैंकों में जमा करना पसंद करते हैं. ऐसे में बाजार में मांग घटने से वस्तुओं की कीमत में कमी आ जाती है. यहीं वजह है कि जब भी देश में महंगाई नित नए रिकॉर्ड तोड़ने लगती है, तो आरबीआई महंगाई पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि कर महंगाई को कंट्रोल करने की कोशिश करता है.
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महंगा होगा घर और कार खरीदना
रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में इजाफे से बैंकों को आरबीआई से मिलने वाले लोन की ब्याज दर बढ़ जाती है. लिहाजा, बैंक बढ़े हुए ब्याज दरों से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए बैंक अपने ग्राहकों को भी महंगे दर पर लोन उपलब्ध कराती है. लिहाजा, रेपो रेट में इजाफे का सीधा मतलब होता है कि बैंकों के ब्याज दरों में इजाफा. ऐसे में घर और कार खरीदने का सपना देख रहे लोगों के लिए आरबीआई का यह कदम किसी सदमे से कम नहीं है, क्योंकि अब उन्हें बड़ी हुई दर के हिसाब से ईएमआई देनी होगी.
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