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Raksha Bandhan 2020: त्यौहारी मांग पर कोरोना की मार, 30 फीसदी घटी राखी की बिक्री

Raksha Bandhan 2020: राखी विक्रेताओं ने बताया कि लोग राखी खरीद रहे हैं, लेकिन पहले जिस प्रकार महंगी और आकर्षक राखी की मांग होती थी, इस बार वैसी मांग नहीं है, बस त्योहारी रस्म निभाने के लिए लोग राखियां खरीद रहे हैं.

Raksha Bandhan 2020: राखी विक्रेताओं ने बताया कि लोग राखी खरीद रहे हैं, लेकिन पहले जिस प्रकार महंगी और आकर्षक राखी की मांग होती थी, इस बार वैसी मांग नहीं है, बस त्योहारी रस्म निभाने के लिए लोग राखियां खरीद रहे हैं.

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Dhirendra Kumar
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Raksha Bandhan 2020

Raksha Bandhan 2020( Photo Credit : IANS)

Raksha Bandhan 2020: रक्षाबंधन (Happy Raksha bandhan) पर इस साल बाजार की त्योहारी रौनक कोरोना वायरस (Coronavirus) की भेंट चढ़ गई है. भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के इस त्योहार से पहले बाजार रंग-बिरंगी राखियों से सज जाता था. हालांकि बाजार में राखियां (Rakhi Ka Muhurat 2020) बिक रही हैं, लेकिन बाजार की रौनक गायब है, क्योंकि खरीदारों में वैसा उत्साह नहीं है. राखी विक्रेताओं ने बताया कि लोग राखी खरीद रहे हैं, लेकिन पहले जिस प्रकार महंगी और आकर्षक राखी की मांग होती थी, इस बार वैसी मांग नहीं है, बस त्योहारी रस्म निभाने के लिए लोग राखियां खरीद रहे हैं.

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कोरोनावायरस संक्रमण के कारण कई जगहों पर नहीं है दुकानें खोलने की इजाजत
कोरोनावायरस संक्रमण के कारण कई जगहों पर दुकानें खोलने की इजाजत नहीं है, जिससे राखी विनिर्माताओं के कारोबार पर असर पड़ा है. फरीदाबाद के राखी विनिर्माता सौरभ मंगला ने बताया कि कोरोना के कारण राखी की बिक्री पिछले साल के मुकाबले इस साल घरेलू बाजार में करीब 30 फीसदी घट गई है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से कई राज्यों में इस साल राखी की सप्लाई नहीं हो पाई और विदेशी मांग में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई. राखी की निर्यात मांग पर कोरोना का असर तो पड़ा ही है, विदेशों में भाइयों को बहनें जो राखी भेजती थीं, वे इस साल कई देशों में नहीं भेज पाई हैं. भारतीय डाक विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल इस सिर्फ 25 देशों में ही स्पीड पोस्ट के जरिए राखी भेजने की सुविधा उपलब्ध है.

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डाक विभाग के कंप्यूटर पर विदेशों के लिए स्पीड पोस्ट की सुविधा के लिए जिन देशों को चुनने का विकल्प उपलब्ध है, उनमें आस्ट्रिया, बहरीन, बांग्लादेश, बेल्जियम, भूटान, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, इटली, मैक्सिको, नीदरलैंड, नार्वे, ओमान, फिलीपींस, सऊदी अरब, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूक्रेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और वियतनाम शामिल हैं. हालांकि कूरियर सेवा कुछ अन्य देशों के लिए भी उपलब्ध हैं. एक नामी कूरियर सेवा प्रदाता कंपनी के अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्षो की तरह इस साल रक्षाबंधन पर विदेशों में राखी भेजने की मांग कम है.

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गिफ्ट शॉप के एक कर्मचारी ने बताया कि पिछले वर्षों की तरह इस साल रक्षाबंधन पर गिफ्ट और महंगी राखियों की मांग नहीं है. उन्होंने कहा कि चीनी एसेसरी से बनी राखियां इस बार बाजार से नदारद हैं. सौरभ मंगल ने बताया कि दरअसल, लोगों ने इस साल चीन से आयातित लाइटिंग के सामान और खिलौने युक्त लुभावने राखियां नहीं बनाई हैं, क्योंकि रस्ती और साधारण राखियां ही लोग पसंद कर रहे हैं. फेडरेशन ऑफ स्वीट्स एंड नमकीन मैन्युफैक्चर्स के डायरेक्टर फिरोज नकवी ने बताया कि रक्षाबंधन पर मिठाई और नमकीन की बिक्री भी इस साल ठंडी पर गई है. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर लॉकडाउन के कारण दुकानें नहीं खुल रही हैं, जिससे बिक्री पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर महीने में कोई दुकानदार जितनी मिठाई व नमकीन बेचता है, उससे कहीं ढाई गुनी बिक्री सिर्फ रक्षाबंधन पर होती है, लेकिन इस बार त्योहारी सीजन की शुरुआत में ही बाजार की रौनक कोरोना की भेंट चढ़ गई है.

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