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Jet Airways को हो गया 5,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा, जानिए क्या रही वजह

वर्ष 2018- 19 में Jet Airways की कुल आय एक साल पहले के मुकाबले घटकर 23,314.11 करोड़ रुपये रह गई. मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में घाटा और बढ़कर 5,535.75 करोड़ रुपये हो गया.

Updated on: 29 Jul 2020, 12:19 PM

नई दिल्ली:

दिवाला समाधान प्रक्रिया (Insolvency Resolution Process) के तहत पहुंची जेट एयरवेज (Jet Airways) का घाटा मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में और बढ़कर 5,535.75 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी का खर्च बढ़ने से उसका घाटा बढ़ा है. पूर्ण विमानन सेवायें देने वाली जेट एयरवेज के विमानों की उड़ाने पिछले साल अप्रैल से बंद हैं. कंपनी का एकल घाटा 766.13 करोड़ रुपये रहा था. यह एकल आधार पर हुये वृहद घाटे के आंकड़े हैं. वर्ष 2018- 19 में एयरलाइन की कुल आय एक साल पहले के मुकाबले घटकर 23,314.11 करोड़ रुपये रह गई.

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जेट एयरवेज ने पिछले साल 23,958.37 करोड़ रुपये का किया कारोबार
वहीं इससे पिछले साल कंपनी ने 23,958.37 करोड़ रुपये का कारोबार किया. एक नियामकीय सूचना में यह कहा गया है. इस दौरान ईंधन के दाम बढ़ने से कंपनी का कुल खर्च बढ़ता हुआ 28,141.61 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. पिछले साल अप्रैल में परिचालन बंद करने के बाद कंपनी जून 2019 में कार्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत चली गई. विमानन कंपनी के वित्तीय लेखा जोखा पर कंपनी के समाधान पेशेवर अशीष छावछरिया के हस्ताक्षर हैं. नियामकीय सूचना में छावछरिया ने यह भी कहा है कि वह कंपनी के एकीकृत वित्तीय परिणाम उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं है.

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कंपनी की अनुषंगी कंपनियां अलग इकाई हैं और वर्तमान में परिचालन में भी नहीं है। ऐसे में इन अनुषंगी कंपनियों से संबंधित आंकड़े प्राप्त करने में बहुत मुश्किलें आ रहीं हैं। जेट एयरवेज के वर्ष 2018- 19 के वित्तीय परिणाम मंगलवार की रात को शेयर बाजारों को उपलब्ध करा दिये गये.