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सीमा पर तनाव के बीच चीन के सेंट्रल बैंक ने ICICI Bank में किया बड़ा निवेश

पीपुल्स बैंक आफ चाइना ने देश के निजी क्षेत्र के दूसरे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) में छोटी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है. यह हिस्सेदारी आईसीआईसीआई बैंक के हाल में बंद हुये 15,000 करोड़ रुपये के क्यूआईपी इश्यू में खरीदी गई.

Updated on: 19 Aug 2020, 08:13 AM

नई दिल्ली :

आवास वित्त क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एचडीएफसी (HDFC) में हिस्सेदारी खरीदने के बाद चीन के केन्द्रीय बैंक पीपुल्स बैंक आफ चाइना (People's Bank of China) ने देश के निजी क्षेत्र के दूसरे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) में छोटी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है. यह हिस्सेदारी आईसीआईसीआई बैंक के हाल में बंद हुये 15,000 करोड़ रुपये के क्यूआईपी इश्यू में खरीदी गई. इस निर्गम में निवेश करने वाले 357 संस्थागत निवेशकों में पीपुल्स बैंक आफ चाइना भी शामिल है. इसके अलावा घरेलू संस्थागत निवेशकों, म्यूचुअल कोषों, बीमा कंपनियों और वैश्विक संस्थानों ने इश्यू में हिस्सेदारी हासिल की है.

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सूत्रों के मुताबिक चीन के केन्द्रीय बैंक ने आईसीआईसीआई बैंक के 15,000 करोड़ रुपये के पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) निर्गम में मात्र 15 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं. आईसीआईसीआई बैंक की मौजूदा बाजार पूंजीकरण के हिसाब से इसमें पीपुल्स बैंक आफ चाइना की हिस्सेदारी 0.0065 प्रतिशत बैठती है. इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिये आईसीआईसीआई बैंक के प्रवक्ता से तुरंत बातचीत नहीं हो सकी. चीन के पीपुल्स बैंक आफ चाइना की भारत की सबसे बड़ी आवास वित्त मुहैया कराने वाली कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड में निवेश के साथ ही कई अन्य प्रमुख भारतीय कंपनियों में निवेश है.

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व्यापारी संगठन आईसीआईसीआई बैंक की कर रहे हैं आलोचना
एक नियामकीय सूचना के मुताबिक मार्च तिमाही की समाप्ति पर चीन के केन्द्रीय बैंक की आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड में हिस्सेदारी एक प्रतिशत से अधिक हो गई. हालांकि, भारत और चीन के बीच हाल में बढ़ते सीमा विवाद के बीच पीपुल्स बैंक आफ चाइना ने अपनी हिस्सेदारी को अप्रैल. जून तिमाही के दौरान कम कर दिया. उसकी हिस्सेदारी एचडीएफसी में एक प्रतिशत से नीचे आ गई. इस प्रकार जून अंत में एचडीएफसी लिमिटेड में एक प्रतिशत तक हिस्सेदारी रखने वाले निवेशकों की सूची से पीपुल्स बैंक आफ चाइना का नाम हटा दिया गया. देश के व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस निवेश के लिये आईसीआईसीआई बैंक की आलोचना की है.

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कैट ने कहा है कि देश में चीन के खिलाफ बने माहौल के बावजूद आईसीआईसीआई बैंक ने पीपुल्स बैंक आफ चाइना को निवेश की अनुमति कैसे दी. कैट का कहना है कि इस साल की शुरुआत में एचडीएफसी लिमिटेड में निवेश के बाद चीन के केन्द्रीय बैंक ने आईसीआईसीआई बैंक में निवेश कर भारतीय वित्तीय तंत्र में घुसपैठ का यह दूसरा प्रयास किया है. संगठन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से दोनों वित्तीय संस्थानों को चीनी बैंक के निवेश को लौटाने का निर्देश देने को कहा है.