मोदी सरकार IRCTC में बेचेगी हिस्सा, जानिए क्यों उठाया ये कदम
IRCTC की ओएफएस से सरकार अपने विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ पाएगी. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.
नई दिल्ली:
केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार चालू वित्त वर्ष में भारतीय रेलवे (Indian Railway) खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) में अपनी कुछ और हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है. उसने बिक्री प्रक्रिया के प्रबंधन के लिये मर्चेन्ट बैंकरों से बोलियां आमंत्रित की हैं. निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने अनुरोध प्रस्ताव आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत सरकार भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों के तहत शेयर बाजारों के जरिये आईआरसीटीसी में चुकता शेयर पूंजी का कुछ हिस्सा बिक्री पेशकश माध्यम से विनिवेश करना चाहती है.
यह भी पढ़ें: भारतीय अर्थव्यवस्था में और गिरावट की आशंका, विश्व बैंक ने दिए संकेत
आईआरसीटीसी में सरकार की 87.40 फीसदी हिस्सेदारी
मर्चेन्ट बैंकरों को 10 सितंबर तक बोली जमा करनी है. सरकार की फिलहाल आईआरसीटीसी में 87.40 प्रतिशत हिस्सेदारी है. सेबी के सार्वजनिक हिस्सेदारी नियम को पूरा करने के लिये सरकार को कंपनी में हिस्सेदारी कम कर 75 प्रतिशत पर लानी है. आईआरसीटीसी का शेयर बीएसई में कल के बंद भाव के मुकाबले 1.20 प्रतिशत टूटकर 1,346.65 रुपये प्रति इक्विटी पर बंद हुआ. आईआरसीटीसी ने अक्टूबर 2019 में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिये 645 करोड़ रुपये जुटाये थे.
यह भी पढ़ें: 2 हजार अरब डॉलर के मार्केट कैप वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बनी Apple
चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य
कंपनी भारतीय रेलवे में खानपान सेवा, ऑनलाइन टिकट बुकिंग और रेलवे स्टेशनों पर बोतलबंद पेय जल उपलब्ध कराने के लिये एकमात्र अधिकृत संस्था है. आईआरसीटी की ओएफएस से सरकार अपने विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ पाएगी. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से तथा 90,000 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री के जरिये प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है.
यह भी पढ़ें: गन्ना किसानों को मोदी सरकार ने दी बड़ी सौगात, गन्ने के सरकारी भाव को बढ़ाने की दी मंजूरी
कोरोना वायरस महामारी और उसका इक्विटी बाजार पर पड़े असर के कारण दीपम चालू वित्त वर्ष में अब तक किसी भी केंद्रीय लोक उपक्रम (सीपीएसई) में हिस्सेदारी बेच नहीं पाया है. हालांकि भारत बांड ईटीएफ-दो के जरिये सरकार ने सीपीएसई के ‘एएए’ रेटिंग वाले बांड के जरिये 11,000 करोड़ रुपये जुटाये हैं. दीपम के सचिव तुहिन कांता पाडे ने पिछले महीने कहा था कि कोविड- 19 महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध लगने के कारण केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश में रुकावट आई है. इससे एयर इंडिया और बीपीसीएल जैसे सार्वजनिक उपक्रमों की विनिवेश प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई. बहरहाल इन सौदों को पूरा करने सरकार की प्राथमिकता में रहेगा.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Dharma According To Ramayana: रामायण के अनुसार धर्म क्या है? जानें इसकी खासियत
-
Principles Of Hinduism : क्या हैं हिंदू धर्म के सिद्धांत, 99% हिंदू हैं इससे अनजान
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय
-
Types Of Kaal Sarp Dosh: काल सर्प दोष क्या है? यहां जानें इसके प्रभाव और प्रकार के बारे में