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pm modi (social media)
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL) के लिए 11440 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है. इसकी जानकारी देते केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम मोदी ने इसे रिवाइव करने को लेकर इस भारी भरकम पैकेज का ऐलान किया है. इस तरह से कंपनी के कामकाज में सुधार होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में कंपनी की एक अहम भूमिका रही है. 'मैं कंपनी के सभी कर्मचारियों को बधाई देता हूं.'
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11,440 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) में राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) के लिए पुनरुद्धार पैकेज की मंजूरी पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के कहा,"पीएम नरेंद्र मोदी ने आरआईएनएल के पुनरुद्धार के लिए 11,440 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है. यह प्लांट आंध्र प्रदेश के विजाग तट पर स्थित है और देश के इस्पात क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण कंपनी है.
#WATCH | Delhi | On the approval of a revival package for Rashtriya Ispat Nigam Ltd (RINL) in Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA) yesterday, Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "PM Narendra Modi has approved a package of Rs 11,440 crore for the revival of RINL. This… pic.twitter.com/MAwcgh9007
— ANI (@ANI) January 17, 2025
यह पैकेज को आरआईएनएल में ऐतिहासिक विरासत की समस्याओं को हल करने के लिए दिया गया है. साथ ही कच्चे माल को सुरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है. आरआईएनएल के लिए और संयंत्र के आधुनिकीकरण के लिए इस पैकेज में 10,300 करोड़ रुपये की नई इक्विटी निवेश और कार्यशील पूंजी ऋण को 1,140 करोड़ रुपये की प्राथमिकता शेयर पूंजी में परिवर्तित करना शामिल है.
भारी कर्ज में डूबी यह कंपनी
आपको बता दें कि कंपनी भारी कर्ज में डूबी है. इस कंपनी की देनदारियां करीब 35000 करोड़ की हैं. यह कंपनी आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 75 मिलियन टन का इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट को संचालित करती है.
विजाग स्टील प्लांट के नाम से मशहूर
आरआईएनएल को विजाग स्टील प्लांट से मशहूर है. भारत में स्टील प्रोडक्शन के मामले में यह कंपनी काफी अहम रही है. हाल के सालों में कंपनी बढ़ते कर्ज, परिचालन और वैश्विक बाजार बाधाओं के कारण वित्तीय चुनौतियों से जूझ रहा है. सरकार के इस नए कदम से करीब 35000 कर्मचारियों के भविष्य के सुरक्षित होने की उम्मीद है.