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Rupee ( Photo Credit : IANS )
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Rupee ( Photo Credit : IANS )
मणप्पुरम फाइनेंस (Manappuram Finance Limited) ने घोषणा की कि वह अगले वित्त वर्ष में 6,000 करोड़ रुपये जुटाएगी. कंपनी ने एक नियामक फाइलिंग (शेयर बाजारों को भेजी जाने वाली सूचना) में कहा कि 19 मार्च 2021 को एक बैठक में निदेशक मंडल द्वारा यह निर्णय लिया गया था. कंपनी ने कहा कि मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड (Manappuram Finance) के निदेशक मंडल की आज की बैठक में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कोष जुटाने के कार्यक्रम पर विचार किया गया और इसे मंजूरी दी गई. इसमें विमोच्य गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी कर 6,000 करोड़ रुपये जुटाने का भी कार्यक्रम शामिल है. कंपनी ने कहा कि यह राशि निजी नियोजन के आधार पर विमोच्य गैर-पर्वितनीय डिबेंचर जारी कर या एक या अधिक किस्तों में सार्वजनिक निर्गम के माध्यम से जुटाई जाएगी.
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दस्तावेज बीएसई या एनएसई में सूचीबद्ध होना प्रस्तावित है, जो कि निदेशक मंडल या इसकी समिति द्वारा तय किया जा सकता है.
बिहार में पहली बार 'साइलोज' में होगा गेहूं और चावल का भंडारण
देश में पहली बार पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बिहार के कैमूर के मोहनियां और बक्सर के इटाढ़ी में सार्वजनिक-निजी भागीदारी पद्घति (पीपीपी मोड) में एक लाख टन क्षमता के साइलोज (स्टील के बड़े भंडारण टैंक) की स्थापना 65.28 करोड़ रुपये की लागत से की जा रही है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी के एक सवाल के जवाब में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भंडारण में खाद्यान्नों की बर्बादी को रोकने के लिए देश में पहली बार पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर साइलोज का निर्माण कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कैमूर के मोहनियां और बक्सर के इटाढ़ी में सार्वजनिक-निजी भागीदारी पद्घति (पीपीपी मोड) में एक लाख टन क्षमता के साइलोज (स्टील के बड़े भंडारण टैंक) की स्थापना 65़28 करोड़ की लागत से की जा रही है.
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उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्थान पर 50 हजार टन क्षमता के साइलोज का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें गेहूं के लिए 37,500 टन और चावल के लिए 12,500 टन क्षमता शामिल है. गेहूं के भंडारण के लिए साइलोज का इस्तेमाल देश में पहले से हो रहा है, मगर चावल के लिए पहली बार कैमूर और बक्सर में साइलोज का निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर यह प्रयोग सफल रहा तो पूरे देश में 15.10 लाख टन क्षमता के साइलोज का निर्माण कराया जायेगा. इनपुट आईएएनएस
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