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चीन के लिए चुनौती बन रहे हैं उत्तर प्रदेश के लोकल प्रोडक्ट्स

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'एक जनपद एक उत्पाद' से यूपी के व्यपारियों के लिए एक ओर आर्थिक उन्नति की नई राहें खोल दी हैं, वहीं प्रदेश के उत्पादों का लोहा देश ही नहीं विदेशों में भी बोल रहा है.

Updated on: 28 Oct 2020, 12:21 PM

लखनऊ :

उत्तर प्रदेश (UP) के लोकल उत्पादों की मांग बजार में बढ़ने लगी है. 'लोकल फॉर वोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' की राह पर बढ़ते यूपी के कदम इस दिवाली (Diwali 2020) चीनी उत्पादों (Chinese Products) के लिए चुनौती साबित होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'एक जनपद एक उत्पाद' से यूपी के व्यपारियों के लिए एक ओर आर्थिक उन्नति की नई राहें खोल दी हैं, वहीं प्रदेश के उत्पादों का लोहा देश ही नहीं विदेशों में भी बोल रहा है. गोरखपुर मंडल के अन्तर्गत देवरिया जनपद में तकरीबन 1500 लोगों के व्यापार को नई गति मिली है. इन उत्पादों को ओडीओपी के तहत राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का मौका मिल रहा है.

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बिहार, पश्चिम बंगाल, लखनऊ, वाराणसी, दिल्ली समेत सिंगापुर और अमेरिका को देवरिया के उत्पाद होते हैं निर्यात 
देवरिया जनपद में ओडीओपी के तहत काम कर रहे हजारों लोगों में से सफलता की इबारत गढ़ने वाली पूजा शाही और विवेक सिंह हैं. साल 2008 में महज अपनी मां और चाची के साथ हैंडिक्राफ्ट का छोटा सा काम शुरू करने वाली पूजा शाही आज पूजा शाही इंटरप्राइजेज से 400 महिलाओं को रोजगार दे रही हैं. ओडीओपी से जुड़ने के बाद आज पांच हजार महिलाएं उनकी टीम का हिस्सा हैं. वर्चुअल फेयर से लेकर ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए उनके उत्पाद यूपी समेत देश और विदेश में भी धूम मचा रहे हैं. गोरखपुर मंडल के देवरिया की 150 यूनिट में 1500 कारीगर जुड़े हैं. पिछले साल एक करोड़ का टर्नओवर इस साल बढ़कर डेढ़ करोड़ हो गया है. देवरिया के उत्पाद बिहार, पश्चिम बंगाल, लखनऊ, वाराणसी, दिल्ली समेत सिंगापुर और अमेरिका में निर्यात होते हैं. ओडीओपी की शुरुआत से अब तक यहां के उत्पादों से 2.5 करोड़ की आमदनी हुई है.

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पूजा ने बताया कि, हैंडिक्राफ्ट के काम को पहचान तब मिली जब 24 जनवरी 2018 को प्रदेश सरकार ने इसे ओडीओपी में शामिल करा दिया. मुझे पांच लाख रुपए तक का लोन राज्य सरकार द्वारा ओडीओपी के तहत मिला है. इस योजना के शुरू होने से पहले जहां मैं केवल 50 पीस तैयार कर पाती थी वहीं अब प्रतिदिन 500 पीस तैयार करती हूं. उन्होंने बताया कि सजावटी सामान, इम्यूनिटी गुड़, अचार, हैंडिक्राफ्ट, दीए, मोमबत्ती जैसे उत्पादों की मांग अमेरिका, दुबई समेत देश के अलग-अलग राज्यों में बढ़ गई है. ओडीओपी से मांग और उत्पादन में 60 से 80 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, वहीं अब मेरे साथ 500 महिलाएं अपने स्वरोजगार के सपने को पूरा कर पाई हैं.

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देवरिया के विवेक सिंह ने बताया कि, वीएस एनर्जी इंटरप्राइजेज से डेकोरेटिव हैडिक्राफ्ट और बैंबू लाइट का व्यापार करता हूं. उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा तैयार की गई लाइट, झूमर और झालर की मांग नाइजीरिया, अफगानिस्तान, दुबई समेत विदेश में भी बढ़ रही है. इसके साथ ही देवरिया और दूसरे राज्यों में ग्रो सेंटर बनाकर महिलाओं को एक ही छत के नीचे ट्रेनिंग दी जा रही है. एमएसएमई, खादी ग्रामोद्योग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि अपने प्रदेश के उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा मिले. इस दिशा में हम लोग आगे बढ़ रहे हैं. ओडीओपी के माध्यम से लगभग हर जिले में रोजगार बढ़ रहा है.