जानिए बिल गेट्स (Bill Gates) क्यों आईफोन से ज्यादा Android को देते हैं अहमियत
मैकरुमर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, क्लबहाउस के सह-संस्थापक पॉल डेविसन ने साक्षात्कार के दौरान बिल गेट्स (Bill Gates) को बताया कि ऐप का एंड्रॉयड वर्जन एक ऐसा टॉप फीचर है, जिस पर वे इस वक्त काम कर रहे हैं.
highlights
- एंड्रॉयड ईकोसिस्टम में माइक्रोसॉफ्ट सॉफ्टवेयर प्री-इंस्टॉल रहते हैं, जिससे इन्हें इस्तेमाल करने में अधिक आसानी होती है
- 135 अरब डॉलर के साथ बिल गेट्स वर्तमान में समय में दुनिया के सबसे अमीर आदमी की सूची में तीसरे पायदान पर
नई दिल्ली:
माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft Corporation) के सह-संस्थापक और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तित्वों में शुमार बिल गेट्स (Bill Gates) एप्पल आईफोन (Apple iPhone) की जगह एंड्रॉयड स्मार्टफोन (Android Smartphones) को अधिक वरीयता देते हैं क्योंकि एंड्रॉयड ईकोसिस्टम में माइक्रोसॉफ्ट सॉफ्टवेयर प्री-इंस्टॉल रहते हैं, जिससे इन्हें इस्तेमाल करने में अधिक आसानी होती है. उन्होंने इंवाइट-ओनली ऑडियो चैट ऐप क्लबहाउस को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि "मैं हमेशा आईफोन के इर्द-गिर्द रहा हूं, लेकिन अपने साथ हमेशा एंड्रॅायड ही रखता हूं. अपनी कुल संपत्ति 135 अरब डॉलर के साथ बिल गेट्स वर्तमान में समय में दुनिया के सबसे अमीर आदमी की सूची में तीसरे पायदान पर हैं.
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एंड्रॅायड फोन में ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ कनेक्ट होते हैं सॉफ्टवेयर
वह आगे कहते हैं कि एंड्रॅायड फोन को चलाना आसान है क्योंकि इनमें ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ सॉफ्टवेयर कनेक्ट होते हैं इसलिए मुझे इसकी आदत पड़ गई है. मेरे कई सारे दोस्त आईफोन का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मुझे एंड्रॉयड ही पसंद है. मैकरुमर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, क्लबहाउस के सह-संस्थापक पॉल डेविसन ने साक्षात्कार के दौरान गेट्स को बताया कि ऐप का एंड्रॉयड वर्जन एक ऐसा टॉप फीचर है, जिस पर वे इस वक्त काम कर रहे हैं.
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बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने पिछले दिनों कहा था कि मल्टीनेश्नल कंपनियों को दुनियाभर की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं व संस्थाओं को ध्यान में रखते हुए अपनी एकतरफ़ा नीतियों को छोड़ना होगा. नडेला के अनुसार बड़ी कंपनियों की एकतरफ़ा नीति व कार्रवाईयां स्थायी समाधान नहीं दे सकती हैं. यह लोकतांत्रिक देशों में स्थाई तौर लागू नहीं की जा सकती हैं. सत्य नडेला ने ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में कहा कि,'बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपने लिए कानूनी तौर तरीकों का एक खाका बनाना होगा जो हमें अमरीका जैसी लोकतांत्रिक प्रणाली के अनुकूल रख सके. (इनपुट आईएएनएस)
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