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एक्सिस म्यूचुअल फंड पर आयकर विभाग का शिकंजा, दो अधिकारियों से हुई पूछताछ

Income Tax Department Latest News: एक्सिस एएमसी में इक्विटी के प्रमुख जिनेश गोपानी और एक्सिस एएमसी के एक डीलर पवन झंगियानी से भी कथित तौर पर आई-टी अधिकारियों पूछताछ की है.

Updated on: 11 Aug 2022, 07:08 PM

नई दिल्ली:

Income Tax Department Latest News: आयकर विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कथित फ्रंट-रनिंग मामले में एक्सिस म्यूचुअल फंड के दो अधिकारियों से पूछताछ की गई है. बारह फंड मैनेजर आई-टी विभाग के रडार पर थे.सूत्रों ने बताया कि दो अधिकारियों से फ्रंट-रनिंग और कथित कर चोरी के संबंध में पूछताछ की गई.एक्सिस एएमसी में इक्विटी के प्रमुख जिनेश गोपानी और एक्सिस एएमसी के एक डीलर पवन झंगियानी से भी कथित तौर पर आई-टी अधिकारियों ने पूछताछ की है.

सेबी से जानकारी जुटा कर हुई आगे की कार्रवाही
28 जुलाई को, आयकर विभाग ने एक्सिस म्यूचुअल फंड के मैनेजर वीरेश जोशी के परिसरों पर छापेमारी की थी. जानकारी मिली थी कि जोशी के पास मुंबई में एक लेम्बोर्गिनी और लक्जरी अपार्टमेंट है. तब से ही वह आई-टी विभाग के रडार पर थे. बीते महीने मई से भी आईटी विभाग एक्सिस म्यूचुअल फंड के मैनेजर वीरेश जोशी पर नजर बनाए हुआ था. आरोप लगाया गया है कि जोशी ने लेम्बोर्गिनी और लक्जरी अपार्टमेंट  फ्रंट-रनिंग से हासिल किया.आयकर विभाग ने जोशी और कुछ और दलालों के बयान दर्ज किए. छापेमारी करने से पहले विभाग ने सेबी से जानकारी जुटाई.

दलालों से म्युचुअल फंड के टिप्स के बदले ले रहा था घूस
जोशी पर म्युचुअल फंड के टिप्स शेयर करने के एवज में दलालों से घूस लेने का आरोप है. यह आरोप लगाया गया कि इस तरह के काम के लिए उसने दलालों से पैसे लिए. यह भी आरोप था कि दलाल उसे मासिक भुगतान करते थे. जोशी ने कथित तौर पर दलालों और खुद को फायदा पहुंचाने के लिए कई मिडकैप और छोटे शेयर खरीदकर म्यूचुअल फंड में निवेश किया. एक्सिस म्यूचुअल फंड के कथित फ्रंट-रनिंग घोटाले की जांच के लिए आयकर विभाग ने मई में अपने अधिकारियों की एक टीम बनाई थी. तब से जोशी समेत करीब 12 फंड मैनेजर आयकर विभाग के रडार पर हैं.

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टैक्स फाइलिंग में छुपाया डेटा
आयकर विभाग इस बात से हैरान था कि आरोपियों ने टैक्स फाइलिंग में अपनी अचल संपत्ति का कोई ब्योरा नहीं दिया था, इसकी जानकारी भी बाद में मिली. आयकर विभाग ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि फंड मैनेजरों के पास कई वाणिज्यिक और गैर-वाणिज्यिक संपत्तियां हैं, जिन्हें उन्होंने कथित तौर पर अपनी टैक्स फाइलिंग में छुपाया. उन्होंने यह भी दिखाया था कि वे अपनी अचल संपत्ति से कमाई नहीं कर रहे थे. विभाग को पता चला है कि फंड मैनेजर अपनी संपत्तियों से किराया कमा रहे थे जिस पर टैक्स नहीं दिया गया.आयकर विभाग उनकी आय के स्रोत की भी जांच कर रहा है, कि कैसे फंड मैनेजर शानदार अपार्टमेंट और अन्य संपत्तियां खरीदने में सक्षम हुए. अब, फंड मैनेजर कर चोरी के मामले का सामना कर रहे हैं और इस बात की भी संभावना है कि उन्हें अपनी आय के स्रोतों में समानांतर जांच का सामना करना पड़ सकता है.