कार्लाइल ग्रुप 3,700 करोड़ रुपये में खरीदेगा पीरामल फार्मा की 20 फीसदी हिस्सेदारी
अजय पीरामल की अगुवाई वाली कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि सीएपी वी मॉरीशस लि. की संबद्ध इकाई सीए क्लोवर इंटरमीडिएट 2 इन्वेस्टमेंट ने पीरामल फार्मा लि. में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए इक्विटी पूंजी का निवेश करने की सहमति दी है.
दिल्ली:
अमेरिका का कार्लाइल ग्रुप (Carlyle Group) 49 करोड़ डॉलर (3,700 करोड़ रुपये) में पीरामल फार्मा (Piramal Pharma) में करीब 20 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा. पीरामल एंटरप्राइजेज ने शनिवार को यह जानकारी दी. अजय पीरामल की अगुवाई वाली कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि सीएपी वी मॉरीशस लि. की संबद्ध इकाई सीए क्लोवर इंटरमीडिएट 2 इन्वेस्टमेंट ने पीरामल फार्मा लि. में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए इक्विटी पूंजी का निवेश करने की सहमति दी है. यह एक निवेश कोष है, जिसका प्रबंधन और परामर्श कार्लाइल ग्रुप इंक की संबद्ध इकाइयों द्वारा किया जाता है.
पीरामल फार्मा में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए करीब 49 करोड़ डॉलर का निवेश किया जाएगा. हालांकि, इक्विटी निवेश की अंतिम राशि शुद्ध ऋण और विनिमय दर आदि पर निर्भर करेगी.
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आईएफसीआई का चौथी तिमाही का घाटा बढ़कर 584 करोड़ रुपये हुआ
बुनियादी ढांचा क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराने वाली आईएफएसीआई लि. को बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही में 584.19 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसे 86.15 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. आईएफसीआई लि. ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि तिमाही के दौरान उसकी आय बढ़कर 858.99 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 637.61 करोड़ रुपये थी. कंपनी ने कहा कि ब्याज आमदनी बढ़ने से उसकी कुल आय बढ़ी है. कंपनी ने कहा कि शुल्क और कमीशन आय की वजह से उसे नुकसान हुआ है. यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के स्तर पर ही है.
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पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी का शुद्ध घाटा कम होकर 223.21 करोड़ रुपये रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में 475.99 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष के दौरान कंपनी की आय घटकर 2,905.68 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 3,134.49 करोड़ रुपये रही थी. आईएफसीआई ने कहा कि उसके निदेशक मंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में 25,000 करोड़ रुपये तक का कर्ज जुटाने के लिए संसाधन योजना नीति को मंजूरी दी गई.
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