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कैट (CAIT) ने मोदी सरकार से ई कॉमर्स पॉलिसी को लेकर की ये बड़ी मांग

ई कॉमर्स के लिए एक रेग्युलेटर के गठन की व्यवस्था हो तथा ई कॉमर्स के जरिये बिकने वाले प्रत्येक उत्पाद पर अनिवार्य रूप से निर्मित देश का नाम और उस वस्तु में कितना वैल्यू एडिशन किया गया है यह साफ रूप से अंकित हो.

Updated on: 06 Jul 2020, 02:32 PM

नई दिल्ली :

चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अपने राष्ट्रीय अभियान के चलते कनफेडेरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation Of All India Traders-CAIT) ने आज केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) को एक पत्र भेजकर मांग की है की सरकार ई कॉमर्स पालिसी (E-Commerce Policy) को जल्द से जल्द लागू करे जिसमें सभी वर्गों के व्यापार के लिए समान नीति बने जिससे विदेशी ई कॉमर्स कंपनियां देश के रिटेल व्यापार पर भारी डिस्काउंट, लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना जैसे व्यापारिक प्रवृतियों को न चला सकें. ई कॉमर्स के लिए एक रेग्युलेटर के गठन की व्यवस्था हो तथा ई कॉमर्स के जरिये बिकने वाले प्रत्येक उत्पाद पर अनिवार्य रूप से निर्मित देश का नाम और उस वस्तु में कितना वैल्यू एडिशन किया गया है यह साफ रूप से अंकित हो.

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विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों ने भारत को बना दिया है डंपिंग ग्राउंड
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने आज यहां कहा की गोयल को भेजे पत्र में कहा की विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों ने चीन के गुणवत्ता रहित सस्ते उत्पाद के लिए भारत को एक डंपिंग ग्राउंड बना दिया है. निर्मित मूल देश का विवरण और वैल्यू एडिशन के विवरण लिखने से यह स्पष्ट हो सकेगा की वो वस्तु कहां बनी है और ग्राहक अपनी मर्ज़ी के अनुसार खरीद कर सकेंगे. भरतिया और खंडेलवाल ने कहा की कोरोना के बाद देश में व्यापार करने का तौर तरीका भी बदल रहा है और ग्राहकों के खरीददारी करने के तरीके में भी बड़ा परिवर्तन आ रहा है.

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ठोस ई कॉमर्स नीति की आवश्यकता: कैट
कोरोना के डर से ग्राहक बाजार में नहीं आ रहे हैं और व्यक्तिगत संपर्क करने में कतरा रहे हैं और इसी के बीच अगस्त के प्रथम सप्ताह से देश में त्योहारी मौसम शुरू हो जाएगा जी राखी से शुरू होकर दिवाली तक चलेगा और इस बीच लोग ई कॉमर्स से खरीददारी करने पर ज्यादा जोर देंगे. इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार को अब ई कॉमर्स पालिसी को तुरंत घोषित करना चाहिए जिससे देश के व्यापारी भी डिजिटल प्लेटफार्म पर अपने ई शोरूम खोल सकें जिसके द्वारा अपने ग्राहकों को सामन वितरित कर सकें. देश में एक निष्पक्ष और साफ़ सुथरा ई कॉमर्स व्यापार चलाने के लिए एक ठोस ई कॉमर्स नीति की आवश्यकता है जिससे बड़ी ई कॉमर्स कंपनियों की मनमानी को रोका जा सके और सभी लोगों को व्यापार करने तथा खरीददारी करने के समान अवसर मिलें.

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भरतिया एवं खंडेलवाल ने यह भी कहा की ई कॉमर्स पालिसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के " लोकल पर वोकल " और आत्मनिर्भर भारत के आव्हान को ध्यान में रखते हुए देश में बने उत्पादों तथा ख़ास तौर पर देश के कोने कोने में भारतीय कलाओं के द्वारा बने उत्पादों को बेचने में प्रमुखता देने के लिए ई कॉमर्स पालिसी में विशेष प्रावधान किये जाए जिससे देश का आम व्यापारी भी अपने आपको ई कॉमर्स से जोड़ सके.