आज भारत बंद: देशभर में 8 करोड़ व्यापारी करेंगे हड़ताल, होगा चक्का जाम
कैट (CAIT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया की कल दिल्ली सहित देश भर में सभी राज्यों के लगभग 1500 छोटे -बड़े संगठनों द्वारा विरोध धरना दिया जाएगा.
highlights
- दिल्ली सहित देशभर के व्यापारी कल शुक्रवार (26 फरवरी 2021) को भारत व्यापार बंद में शामिल होकर अपना कारोबार बंद रखेंगे
- प्रवीण खंडेलवाल ने बताया की कल दिल्ली सहित देश भर में सभी राज्यों के लगभग 1500 छोटे -बड़े संगठनों द्वारा विरोध धरना दिया जाएगा
नई दिल्ली:
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders-CAIT) द्वारा जीएसटी (GST) नियमों में हाल ही में किये गए कुछ संशोधन तथा ई कॉमर्स व्यापार में विदेशी कंपनियों की कुटिलता और मनमानी को रोकने के लिए एफडीआई नीति में नए प्रेस नोट जारी करने की मांग को लेकर दिल्ली सहित देशभर के व्यापारी कल शुक्रवार (26 फरवरी 2021) को भारत व्यापार बंद में शामिल होकर अपना कारोबार बंद रखेंगे. कैट के समर्थन में देश के 1 करोड़ ट्रांसपोर्टर्स के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (ऐटवा) के आह्वान पर देश भर में सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियां बंद रहेंगी और ट्रांसपोर्ट का चक्का जाम रहेगा. इसके अलावा लघु उद्योग, हॉकर्स, महिला उद्यमी, स्वयं उद्यमियों एवं व्यापार से जुड़े अन्य क्षेत्रों के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय संगठनों ने भी व्यापार बंद को अपना समर्थन दिया है.
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कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया की कल दिल्ली सहित देश भर में सभी राज्यों के लगभग 1500 छोटे -बड़े संगठनों द्वारा विरोध धरना दिया जाएगा तथा देश भर में व्यापारी, ट्रांसपोर्टर्स एवं अन्य लोग जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन नहीं करेंगे अपना विरोध प्रदर्शित करेंगे. भारत व्यापार बंद में आवशयक सेवाओं, दवाई की दुकानों को लोगों की सुविधा देखते हुए छूट दी गई है.
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बता दें कि कैट के अनुसार इस बार के बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है, जिससे ये बजट और भी प्रभावी बन जाता है, हालांकि देश भर में पिछले एक पखवाड़े से नए कर लगाने की तमाम अटकलें लगाई जा रहीं थी, जिन पर अब विराम लग गया है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की, हम वित्त मंत्री से असहमत हैं क्योंकि जीएसटी को तर्कसंगत बनाया गया है जबकि ठीक इसके विपरीत जीएसटी अत्यधिक जटिल कर प्रणाली बन गई है. साथ ही इस बात का गहरा अफसोस है कि भारत के खुदरा व्यापार के लिए कोई समर्थन नीति घोषित नहीं की गई है, जो 80 लाख करोड़ से अधिक का वार्षिक कारोबार करता है और देश में लगभग 40 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है.
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