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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण पर कितना आएगा खर्च, यहां जानिए उससे जुड़ी हर बात

Ayodhya Ram Mandir: वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा के मुताबिक मंदिर के मौजूदा डिजाइन को देखते हुए 100 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है. हालांकि उन्होंने कहा कि अगर डिजाइन में बदलाव होता है तो लागत में बढ़ोतरी भी हो सकती है.

Updated on: 05 Aug 2020, 08:57 AM

नई दिल्ली:

आज अयोध्या (Ayodhya) में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) एक विशेष कार्यक्रम में भूमिपूजन (Ram Mandir Bhumi Pujan) में हिस्सा लेंगे. आज राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन होने वाला है. अयोध्या में बनने वाले मंदिर की ऊंचाई अब तीन मंजिला होगी. धरातल से शिखर तक की ऊंचाई को 161 फीट किए जाने की वजह से ही एक मंजिल को बढ़ाया गया है. बता दें कि इस राम मंदिर का नक्शा वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया है.

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120 एकड़ में बनेगा मंदिर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साढ़े तीन साल में मंदिर के तैयार होने की संभावना है. जानकारी के मुताबिक तीन मंजिला मंदिर का निर्माण वास्तु के अनुसार किया जाएगा. बता दें कि राम मंदिर के पुराने नक्श के अनुसार सिर्फ तीन गुंबद का प्रस्ताव था लेकिन अब मंदिर के नक्शे में दो और गुंबद को बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा मंदिर के लिए जमीन के आकार को भी बढ़ा दिया गया है. जानकारी के मुताबिक पुराने नक्शे में मंदिर का क्षेत्रफर करीब 67 एकड़ था लेकिन नए डिजाइन के हिसाब से अब एरिया को बढ़ाकर 100 से 120 एकड़ किया जा रहा है. हालांकि मंदिर में सोने-चांदी का कितना इस्तेमाल किया जाएगा इसकी आधिकारिक जानकारी अभी तक ट्रस्ट या सरकार की ओर से जारी नहीं की गई है. फिर भी अनुमान लगाया जा रहा है कि मंदिर के निर्माण में भारी मात्रा में सोने-चांदी का इस्तेमाल हो सकता है.

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मंदिर निर्माण पर खर्च होंगे 100 करोड़ रुपये
वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा के मुताबिक मंदिर के मौजूदा डिजाइन को देखते हुए 100 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है. हालांकि उन्होंने कहा कि अगर डिजाइन में बदलाव होता है तो लागत में बढ़ोतरी भी हो सकती है. मंदिर के निर्माण की समय सीमा को पूरा करने के लिए अधिक बजट और संसाधनों की जरूरत होगी. जानकारी के मुताबिक अभी तक 80 हजार घन फुट पत्थर तराशा जा चुका है और इतने ही पत्थरों की जरूरत पड़ सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन से साढ़े तीन साल में मंदिर पूरा करने के लिए 5 से 6 बड़े ठेकेदारों की जरूरत पड़ सकती है. गौरतलब है कि चंद्रकांत सोमपुरा ने 1987 में राम मंदिर का नक्शा तैयार किया था. विहिप के तत्कालीन अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल के कहने पर सोमपुरा ने 1987 में भव्य राम मंदिर का मॉडल तैयार किया था.