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सावधान! डायमंड (Diamond) खरीदने से पहले इन बातों पर जरूर ध्यान दें, नहीं तो लग सकता है चूना

Diamond Buying Guide: जानकार कहते हैं कि डायमंड की खरीदारी (How To Buy Diamonds) के समय चार सबसे जरूरी बातों पर ध्यान देना चाहिए. डायमंड की कटिंग, कलर, डायमंड की क्लैरिटी और डायमंड का कैरेट यानि साइज.

Updated on: 02 Dec 2020, 02:50 PM

नई दिल्ली:

Diamond Buying Guide: शादियों का सीजन चल रहा है और इस समय गोल्ड ज्वैलरी के साथ ही डायमंड (How To Buy Diamonds) की भी खरीदारी खूब हो रही है. ऐसे में अगर आप डायमंड की खरीदारी में जल्दबाजी करते हैं तो काफी नुकसान हो सकता है. दरअसल, जिस तरह से सोने की परख के लिए हॉलमार्क एक बेहतरीन जरिया माना जाता है उस तरह से हीरे के लिए अभी तक कोई भी पुख्ता इंतज़ाम नहीं है.

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जानकारों का कहना है कि फिंगर प्रिंट की ही तरह दुनिया में कोई भी डायमंड एक जैसा नहीं होता है. सभी हीरे की पहचान अलग होती है ऐसे में असली हीरे की पहचान कैसे की जाए इसको लेकर मन में सवाल उठते रहते हैं.

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डायमंड की खरीदारी के समय इन बातों का रखें ध्यान
जानकार कहते हैं कि डायमंड की खरीदारी के समय चार सबसे जरूरी बातों पर ध्यान देना चाहिए. डायमंड की कटिंग, कलर, डायमंड की क्लैरिटी और डायमंड का कैरेट यानि साइज. खरीदारों को काफी जांच परख के बाद ही डायमंड खरीदने का फैसला करना चाहिए. जानकारों का कहना है कि डायमंड की कटिंग के हिसाब से उसकी कीमत तय होती है. प्रोपोर्शनल कटिंग वाले डायमंड सबसे महंगे माने जाते हैं. दूसरी ओर शैलो और डीप कटिंग वाले डायमंड की कीमत थोड़ी कम रहती है. हालांकि इसके अलावा भी राउंड ब्रिलियंट जैसी कुछ साइज के हीरों को भी काफी अच्छा माना जाता है. ग्राहकों को हार्ट और पीयर जैसे कुछ और साइज के हीरे भी बाजार में मिल जाएंगे.

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डायमंड का रंग जितना हल्का होगा वह उतना ही ज्यादा महंगा और अच्छा होगा
जानकार कहते हैं कि ग्राहकों को डायमंड में ज्यादा रंग नहीं मिल पाएंगे. हीरे का रंग जितना हल्का होगा वह उतना ही ज्यादा महंगा और अच्छा होगा. सबसे अच्छे रंग के डायमंड को डी ग्रेड दिया जाता है और यह काफी हल्के रंग का होता है. हीरे की ग्रेडिंग D से V के बीच तय की जाती है. जानकार कहते हैं कि डायमंड जितना क्लियर यानि साफ होगा वह उतना ही अच्छा होने के साथ महंगा भी होगा. सबसे शानदार क्लैरिटी वाले डायमंड को इंटरनली फ्लॉलेस यानि आईएफ ग्रेड दिया जाता है. वहीं दूसरी ओर कम क्लैरिटी वाले डायमंड को वीवीएस1, वीवीएस2, वीएस1 जैसे ग्रेड दिए जाते हैं. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कैरेट के जरिए डायमंड की साइज का पता लगाया जा सकता है. आपको बता दें कि एक कैरेट 20 ग्राम के बराबर होता है और इससे सिर्फ वजह और साइज का पता चलता है.

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जानकारों का कहना है कि हीरे की ज्वैलरी खरीदने के बाद ग्राहकों को दुकानदार से खरीद की रसीद के साथ-साथ गारंटी कार्ड भी जरूर मांगना चाहिए. हालांकि डायमंड के साथ गारंटी कार्ड दिया जाना कानूनी रूप से जरूरी नहीं है. वहीं देश के कुछ बड़े नामी ज्वैलर्स डायमंड के लिए गारंटी कार्ड भी ग्राहकों को देते हैं.