Madhabi Puri Buch: सेबी की पूर्व चीफ माधबी पुरी बुच को मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत मिल गई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने माधवी पूरी समेत 6 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के स्पेशल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. बता दें कि माधवी पूरी बुच ने स्पेशल कोर्ट के आदेश को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर मंगलवार को जस्टिस एसजी डिगे ने अपना फैसला सुनाया.
मामले पर क्या बोला बॉम्बे हाईकोर्ट?
इस मामले पर बॉ़म्बे हाईकोर्ट ने कहा कि, शिकायतकर्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. सभी पक्षों को सुनने के बाद ऐसा लगता है कि न्यायाधीश ने डिटेल्स में जाए बिना और आवेदकों को उनकी भूमिका के बारे में बताए बिना आदेश पारित कर दिया है. इसी के साथ हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी.
1 मार्च को स्पेशल कोर्ट ने दिया था एफआईआर का आदेश
बता दें कि मुंबई के एक स्पेशल एंटी-करप्शन कोर्ट ने बीते शनिवार यानी 1 मार्च को शेयर फ्रॉड से जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. बता दें कि स्पेशल जज एसई बांगर ने ये आदेश ठाणे के जर्नलिस्ट सपन श्रीवास्तव की ओर से दायर याचिका पर दिया था. दरअसल, सपन ने स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी की लिस्टिंग में बड़े पैमाने पर फाइनेंशियल फ्रॉड और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
शिकायतकर्ता ने लगाए थे ये आरोप
शिकायतकर्ता सपन श्रीवास्तव ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उन्होंने और उनके परिवार ने 13 दिसंबर 1994 को कैल्स रिफाइनरीज लिमिटेड के शेयरों में निवेश किया था, जिसमें उन्हें भारी नुकसान हुआ. सपन ने आरोप लगाया कि सेबी और BSE ने कंपनी के अपराधों की अनदेखी की.
उन्होंने मांग की कि इसे कानून के खिलाफ लिस्ट किया जो निवेशकों के हितों की रक्षा करने में विफल रहे है. बता दें कि कैल्स रिफाइनरीज़ को 1994 में लिस्टिंग की अनुमति मिली थी, लेकिन उसे अगस्त 2017 में ट्रेडिंग से सस्पेंड कर दिया गया. केल्स रिफाइनरीज के शेयर आज तक सस्पेंडेड हैं.
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