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भारत में सिगरेट पर कर बोझ अंतरराष्ट्रीय पैमाने के हिसाब से काफी कम: अध्ययन

भारत में सिगरेट पर मौजूदा कर का बोझ अंतरराष्ट्रीय पैमाने के हिसाब से काफी कम है. बुधवार को जारी एक नए अध्ययन में सिगरेट को पर्याप्त महंगा करने के मामले में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को शीर्ष स्थान पर रखा गया है.

Updated on: 16 Dec 2020, 11:00 PM

दिल्ली:

भारत में सिगरेट पर मौजूदा कर का बोझ अंतरराष्ट्रीय पैमाने के हिसाब से काफी कम है. बुधवार को जारी एक नए अध्ययन में सिगरेट को पर्याप्त महंगा करने के मामले में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को शीर्ष स्थान पर रखा गया है. टोबैकोनॉमिक्स द्वारा संकलित अंतरराष्ट्रीय सिगरेट कर स्कोरकार्ड के पहले संस्करण में, भारत को 5 में 1.88 अंक दिया गया है.

यह दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के औसत प्राप्तांक (1.82) से थोड़ा बेहतर है, लेकिन 2.07 के वैश्विक औसत से कम है. सिगरेट कर के मामले में शीर्ष स्थान वाले देश का अंक 4.63 है. टोबैकोनॉमिक्स ने भारत सहित 170 से अधिक देशों में सिगरेट कर नीतियों के प्रदर्शन का आकलन करने के बाद कहा है कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में सिगरेट पर एक जैसे उत्पाद कर रखे जाते है.

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इनमें नियमित वृद्धि से इन देशों में सिगरेट खरीदना काफी खर्चीला है. टोबैकोनॉमिक्स शिकागो के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च एंड पॉलिसी में इलिनोइस विश्वविद्यालय में स्थित है, जो वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए राजकोषीय नीतियों के बारे में सूचित करने और उसे बनाने के लिए आर्थिक अनुसंधान करता है. इसमें कहा गया है कि स्कोरकार्ड ने वर्ष 2014-2018 के विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों का उपयोग करते हुए अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर विभिन्न देशों की सिगरेट कर नीतियों का आकलन किया.

लगभग आधे देशों ने अधिकतम पांच अंकों में से दो से कम अंक प्राप्त किया. भारत के बारे में, इसने कहा कि देश ने वर्ष 2014 में सिगरेट की कराधान नीति की बदौलत 1.38 अंक प्राप्त किया जो 2016 में 2.38 तक पहुंच गया था. कर न बढ़ाए जाने और सिगरेट सस्ता होने से वर्ष 2018 में यह घटकर 1.88 हो गया.