पर्यावरण में सुधार लाने, कृषि लागत में कमी करने, कृषि उत्पादन और कृषकों की आय में बढ़ोत्तरी के लिये यूपी में बड़े प्रयास चल रहे हैं। राज्य सरकार ने इसके लिये 11 जनपदों में विशेष अभियान छेड़ा है। गंगा को स्वच्छ करने के उद्देश्य से प्रदेश में संचालित स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गंगा नदी के किनारे बसे जनपदों में नदी के दोनों किनारों पर 5-7 किमी तक स्थित ग्रामों में जैविक खेती की जा रही है।
सरकार की इस परियोजना से 11 जिलों के 21142 कृषकों ने 14000 हैक्टेयर क्षेत्र में 700 समूहों का गठन किया है। इन समूहों में शामिल कृषकों ने खरीफ 2020 और रबी 2020-21 में विभिन्न फसलों को जैविक विधि से उगाया। उनको प्रसंस्कृत करने के बाद उनकी पैकिंग की। इसके बाद उनको बढ़े मूल्यों पर विक्रय किया। इन उत्पादों को प्रदेश में लगने वाले मेलों, प्रदर्शिनियों, गोष्ठियों और बाजारों के स्टॉलों पर लगाया गया। कृषकों ने इस परियोजना से 2.76 करोड़ के जैविक उत्पादों का विक्रय किया है।
प्रदेश के किसानों को मिल रहे लाभ को देखते हुए सरकार इस परियोजना के दूसरे चरण को भी जल्द शुरू करने जा रही है। 03 वर्षों के लिये संचालित 71.40 करोड़ की योजना के पहले वर्ष में 21.05 करोड़ का व्यय किया गया है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि सरकार की इस परियोजना से 11 जिलों के 21142 कृषकों ने 14000 हैक्टेयर क्षेत्र में 700 समूहों का गठन किया है। किसानों की आमदानी बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है।
कहा कि प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ाने के साथ किसानो को प्रोत्साहित करने में राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में बड़े काम किये हैं। इनता ही नहीं उनके हितों को सर्वोपरि रखते हुए प्रदेश के किसानों को लाभकारी फसलें उगाने का भी बड़ा मौका दिया।
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Source : IANS