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दुनिया भर पर गहराता आर्थिक महामंदी का संकट! Elon Musk भी अब चिंता में 

Recession 2022: एलन मस्क का भी मानना है कि कंगाली के गहराते संकट में यूएस जैसे देश पर भी आर्थिक मंदी का खतरा मंडरा रहा है. लगभग पूरी दुनिया ही इस समय कोरोना संकट के बीच है वहीं कई अन्य कारण भी इस कड़ी में अब आ जुड़े हैं.

Updated on: 19 May 2022, 12:41 PM

highlights

  • पिछले दो सालों से कोरोना का कहर है एक बड़ी वजह
  • क्रूड ऑयल की कीमतों में लगातार इजाफा होना बड़ा संकट
  • दुनिया भर में सेंट्रल बैंक ब्याज की दरों में इजाफा कर रहे हैं

नई दिल्ली:

Recession 2022: वर्तमान समय में दुनियभर के देश आर्थिक मंदी का दौर झेल रहे हैं. स्थिति इतनी भयावह हो चली है कि दुनिया का सबसे अमीर शख्स एलन मस्क भी इसके लिए चिंता में है. एलन मस्क का भी मानना है कि कंगाली के गहराते संकट में यूएस जैसे देश पर भी आर्थिक मंदी का खतरा मंडरा रहा है. लगभग पूरी दुनिया ही इस समय कोरोना संकट के बीच है वहीं कई अन्य कारण भी इस कड़ी में अब आ जुड़े हैं. जिसकी वजह से दुनिया भर के देशों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. माना जा रहा है कि जल्द ही मंदी का दौर महामंदी के दौर में तब्दील हो सकता है. 

क्या आएगा आर्थिक महामंदी का दौर
ग्लोबल इकॉनमी इस समय आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रही है. लगातार जीडीपी के गिरने से आर्थिक संकट और गहरा सकता है. आर्थिक महामंदी का दौर प्रथम विश्वयुद्ध के बाद 1930 के दशक में देखना पड़ा था, वहीं दुनिया भर के अर्थशास्त्री इसके लिए चिंता में हैं कि फिर से ऐसी विकट परिस्तिथियां पैदा ना हो जाएं.

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इन कारणों की वजह से गहरा सकता है संकट
वर्तमान में ग्लोबल इकॉनमी में आर्थिक सुस्ती की स्थिति के पीछे बड़ा कारण कोरोना महामारी का होना है. कोरोना  हेल्थ क्राइसिस से ज्यादा आर्थिक क्राइसिस के लिए जिम्मेदार रहा है. लगभग दो सालों से इसका कहर ढह रहा है. जिसकी बड़ा प्रभाव इंडस्ट्रीज पर पड़ा. चीन के शंघाई में स्थितियां बेहद खराब बनी हुई हैं. जिसकी वजह से ग्लोबल मार्केट पर भी इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है. 

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क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें भी चिंता का बड़ा विषय बन रही हैं. इसके अलावा महंगाई का पुराना दौर एक बार फिर लौट आया है. भारत की बात करते हैं तो पाते हैं कि थोक और खुदरा महंगाई दर अपने हाई लेवल पर आ पहुंची है. दुनिया भर में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए लगभग सभी सेंट्रल बैंकों ने ब्याज के रेट बढ़ा दिए हैं. भारत में यह स्थिति 4 सालों में पहली बार आई, जब भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को बढ़ाया है. जिससे कर्ज महंगा हो गया है. इन सब कारणों को विकट स्थिति के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.