logo-image

IMF के दावों से उलट PM मोदी और वित्त मंत्री ने दिलाया भरोसा, इकोनॉमी में रहेगा सुधार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन और प्रत्यक्ष कर में बढ़ोतरी होने की वजह से अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिल रहा है.

Updated on: 15 Dec 2021, 01:24 PM

highlights

  • ओमीक्रॉन के चलते वैश्विक आर्थिक विकास के अनुमानों को घटा सकता है IMF 
  • FM, PM की आर्थिक सलाहकार समिति अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर आश्वस्त

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस के (Coronavirus) के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron) की वजह से वैश्विक आर्थिक विकास को काफी नुकसान हो सकता है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने हाल ही में इसको लेकर चेतावनी जारी की थी. बता दें कि दुनिया के कम से कम 40 देशों में ओमीक्रॉन का संक्रमण फैल चुका है और उसकी वजह से आईएमएफ (IMF) वैश्विक आर्थिक विकास के अनुमानों को घटा सकता है. हालांकि IMF के अनुमान के विपरीत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार जारी रहने को लेकर आश्वस्त हैं.

यह भी पढ़ें: निवेशकों को आज 3 IPO के लिए बोली लगाने का मौका, हो सकती है मोटी कमाई

IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा का कहना है कि दुनियाभर में कोविड के नए वैरिएंट का संक्रमण काफी तेजी से फैल सकता है और उसी की वजह से वैश्विक आर्थिक विकास के लिए अक्टूबर के अनुमानों में कुछ गिरावट दिखाई पड़ सकती है. बता दें कि जानकारों का कहना है कि ओमीक्रॉन किसी दूसरे वायरस से आनुवांशिक सामग्री ग्रहण कर सकता है और यही नहीं सामान्य सर्दी के लिए जिम्मेदार वायरस से भी आनुवांशिक सामग्री को ले सकता है. यह मानव की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बेहद आसानी से धोखा दे सकता है. जानकारों का कहना है कि नया वैरिएंट ओमीक्रॉन वैश्विक अर्थव्यवस्था को ज्यादा अस्थिर कर सकता है. 

सुधार के रास्ते पर है अर्थव्यवस्था: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन और प्रत्यक्ष कर में बढ़ोतरी होने की वजह से अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि घरेलू शेयर बाजार को लेकर निवेशकों में आत्मविश्वास देखने को मिल रहा है. रिटेल और छोटे निवेशकों की ओर से शेयर बाजार में काफी रुचि देखने को मिल रही है. उनका कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड के पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है और अगर ऐसा नहीं होता तो राजस्व संग्रह में बढ़ोतरी नहीं होती. 

महामारी के दबाव से उबरी भारतीय अर्थव्यवस्था
नवंबर में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति (EAC-PM) ने संभावना जताई थी कि अगले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर 7 से 7.5 फीसदी रह सकती है. समिति का कहना है कि 2022-23 में निर्माण समेत अन्य बड़े क्षेत्रों के पटरी पर लौटने का पूरा अनुमान है. समिति ने यह भी कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के दबाव से भारतीय अर्थव्यवस्था फिलहाल उबर चुकी है. साथ ही चालू वित्तवर्ष में आर्थिक विकास दर 10 फीसदी के आस-पास हासिल कर सकती है.