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जानिए क्यों कंगाल पाकिस्तान को UAE ने दिया 2 अरब डॉलर, पढ़ें पूरी खबर

यूएई की ओर से पाकिस्तान को हर संभव समर्थन देने का आश्वासन भी दिया गया है. यूएई का यह समर्थन पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की खाड़ी देशों की यात्रा के दौरान देखने को मिला है.

Updated on: 22 Apr 2021, 09:08 AM

highlights

  • पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएई के सामने पाकिस्तानियों के लिए वीजा प्रतिबंध का मुद्दा भी उठाया
  • पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी हद तक खाड़ी देशों पर निर्भर करती है. UAE में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी कार्यरत हैं

इस्लामाबाद :

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने दो अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के साथ पाकिस्तान (Pakistan) की मदद करने का फैसला किया है. यूएई की ओर से पाकिस्तान को हर संभव समर्थन देने का आश्वासन भी दिया गया है. यूएई का यह समर्थन पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की खाड़ी देशों की यात्रा के दौरान देखने को मिला है. कुरैशी ने यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायेद अल नाहयान को धन्यवाद दिया. कुरैशी ने कहा कि यह निर्णय दोनों देशों के बीच गर्मजोशी वाले और दोस्ताना संबंधों को दर्शाता है. पाकिस्तान विदेशी कार्यालय की ओर से कहा गया है, "हम संयुक्त अरब अमीरात के निरंतर समर्थन और सहयोग की सराहना करते हैं.

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यूएई के सामने  वीजा प्रतिबंध का मुद्दा भी उठाया

कुरैशी ने बैठक के दौरान यूएई के सामने पाकिस्तानियों के लिए वीजा प्रतिबंध का मुद्दा भी उठाया. यात्रा के दौरान, कुरैशी ने संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा दोनों देशों के लिए किए गए योगदान पर भी प्रकाश डाला. पाकिस्तान विदेश कार्यालय की ओर से कहा गया है कि कुरैशी ने इस दौरान लोगों से लोगों को जोड़ने पर जोर दिया. इसके साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच यात्रा में बाधा डालने वाली बाधाओं को दूर करने और संबंधों को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर भी विशेष जोर दिया. बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए कार्य वीजा पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, जो पाकिस्तान में एक बड़ा प्रभाव पैदा करता है, क्योंकि यहां के लोग काफी हद तक यूएई पर निर्भर करते हैं.

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हालांकि प्रतिबंध कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लगाया गया था, मगर साथ ही कई लोगों का मानना है कि यह कदम तब उठाया गया है, जब पाकिस्तान ने मुस्लिम दुनिया का प्रतिनिधित्व करने के लिए तुर्की और मलेशिया के साथ एक संयुक्त संघ के गठन की दिशा में झुकाव दिखाना शुरू कर दिया, जो अरब दुनिया के नेतृत्व वाले संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के लिए एक प्रत्यक्ष विरोध और चुनौतीपूर्ण इकाई होगी. इसके अलावा अफगान शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान की भूमिका और भारत के साथ जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर अरब दुनिया द्वारा पाकिस्तान को कोई खास भाव नहीं देना, दोनों देशों के बीच रिश्तों में टकराव के कारण बने हैं. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी हद तक खाड़ी देशों पर निर्भर करती है. संयुक्त अरब अमीरात में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी कार्यरत हैं, जो देश की अपंग अर्थव्यवस्था का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. पाकिस्तान ने संयुक्त अरब अमीरात में पाकिस्तानी समुदाय को हो रही कठिनाइयों से यूएई को अवगत कराते हुए, अपने नागरिकों के लिए वीजा प्रतिबंधों के जल्द समाधान की आवश्यकता पर बल दिया है.