logo-image

भारतीय शेयर बाजार में FIP का रहा ज्यादा निवेश, रुपये को मिली मजबूती

बाजार में आने वाले धन की मात्रा में वृद्धि ने बेंचमार्क सूचकांकों को तेजी से बढ़ने और अमेरिका के मुकाबले रुपये को मजबूत करने में मदद की है.

Updated on: 11 Aug 2022, 09:04 PM

नई दिल्ली:

Foreign Investors In Share Market: विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Institutional Investors) ने पिछले 10 दिनों में भारतीय शेयर बाजार में 12,190 करोड़ रुपये का निवेश किया है. हालांकि, इसी अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (domestic institutional investors) ने 2,677 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. बाजार में आने वाले धन की मात्रा में वृद्धि ने बेंचमार्क सूचकांकों को तेजी से बढ़ने और अमेरिका के मुकाबले रुपये को मजबूत करने में मदद की है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में मुख्य निवेश रणनीतिकार, डॉ वी.के. विजयकुमार ने कहा, भारतीय शेयर बाजार में एफपीआई (Foreign portfolio investment) गतिविधि पूर्ण उलट है. एफपीआई (Foreign portfolio investment)जो अक्टूबर 2021 से जून 2022 तक भारतीय बाजार में अथक विक्रेता थे, जुलाई में शुद्ध खरीदार बन गए और अगस्त में अब तक खरीदारी जारी है. एफपीआई (Foreign portfolio investment) रणनीति में बदलाव ने हाल की बाजार रैली को मजबूती प्रदान की है.

लगभग नौ महीने बाद भारतीय बाजार में प्रवाह सकारात्मक हो गया है. विदेशी निवेशकों ने जुलाई में भारतीय इक्विटी बाजारों में करीब 4,980 करोड़ रुपये का निवेश किया. यह कदम जून में इन संस्थाओं द्वारा लगभग 50,203 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली के बाद देखने को मिला है. एनएसडीएल (National Securities Depository Limited) के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई महीने में विदेशी निवेशकों का निवेश 4,989 करोड़ रुपये रहा, जबकि जून में 50,000 करोड़ रुपये, मई में 39,993 करोड़ रुपये और अप्रैल में 17,144 करोड़ रुपये का बहिर्वाह (आउटफ्लो) देखने को मिला था.

ये भी पढ़ेंः एक्सिस म्यूचुअल फंड पर आयकर विभाग का शिकंजा, दो अधिकारियों से हुई पूछताछ

घरेलू बेंचमार्क सूचकांकों में तेजी
पिछले कुछ दिनों के दौरान घरेलू बेंचमार्क सूचकांकों में भी तेजी आई है. पिछले 10 दिनों में सेंसेक्स 2500 अंक से अधिक और निफ्टी 746.65 अंक चढ़ गया है. विशेषज्ञों ने कहा कि विदेशी निवेशक पूंजीगत सामान, एफएमसीजी, निर्माण और बिजली क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में खरीदार बन गए हैं. इस बीच, रुपये में भी पिछले महीने रिकॉर्ड निचले स्तर की गिरावट के बाद तेजी से उछाल आया है.