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फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने भारत की आर्थिक गतिविधियों को लेकर जताई चिंता, कही ये बड़ी बात

फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) के अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 में आर्थिक गतिविधियों में 9.5 फीसदी का उछाल देखने को मिल सकता है.

Updated on: 18 Jun 2020, 10:47 AM

नई दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19): फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने अनुमान जताया है कि 31 मार्च 2021 को खत्म हो रहे वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक गतिविधियां 5 फीसदी तक सिकुड़ सकती है. बता दें कि 25 मार्च 2020 से सख्त लॉकडाउन लगाने जैसे उपायों की वजह से ये हालात पैदा हो रहे हैं. फिच रेटिंग्स के अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 में आर्थिक गतिविधियों में 9.5 फीसदी का उछाल देखने को मिल सकता है. फिच रेटिंग का कहना है कि मानवीय और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं के ऊपर खास ध्यान नहीं दिया गया है.

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हालांकि सरकार ने पहले से सार्वजनिक कर्जों के बोझ के संकट को देखते हुए अब तक खर्च पर संयम दिखाया है. सरकार हमारे अनुमान के अनुरूप जीडीपी का करीब 1 फीसदी अतिरिक्त राहत कार्यों के ऊपर खर्च कर रही है.

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अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा
बता दें कि रेटिंग एजेंसी ने मई के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (जीईओ) में कहा था कि अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा और यह 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करेगी. फिच का अनुमान है कि बीते वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत रहेगी. रेटिंग एजेंसी ने वैश्विक जीडीपी की वृद्धि दर के अनुमान में भी कटौती की है, लेकिन साथ ही कहा कि वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में गिरावट अब धीरे-धीरे समाप्त हो रही है. फिच ने कहा कि सबसे अधिक कटौती भारत की वृद्धि दर में की गई है.

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चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की भारी गिरावट आएगी. पहले भारतीय अर्थव्यवस्था में 0.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2020 में वैश्विक जीडीपी में गिरावट में मुख्य योगदान चीन को छोड़कर अन्य उभरते बाजारों का रहेगा. भारत और रूस में जहां वृद्धि दर पांच प्रतिशत गिरेगी, वहीं ब्राजील और मेक्सिको में इसमें 6-7 प्रतिशत की गिरावट आएगी.