EDLI: मृतक कर्मचारी के नॉमिनी को 7 लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता, न्यूनतम मदद 2.5 लाख रूपए

आमतौर पर कर्मचारियों को इस बारे में पता नहीं होता. निजी क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों के मासिक वेतन से हर महीने एक निश्चित धनराशि काटकर कंपनी का प्रबंधन पीएफ अकाउंट में जमा करवा देता है.

आमतौर पर कर्मचारियों को इस बारे में पता नहीं होता. निजी क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों के मासिक वेतन से हर महीने एक निश्चित धनराशि काटकर कंपनी का प्रबंधन पीएफ अकाउंट में जमा करवा देता है.

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Manoj Sharma
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EDIL Photograph: (social media)

Employee’s Deposit Linked Insurance Scheme, जिसे हिंदी में कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा स्कीम कहते हैं, की एक खासियत मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के लोगों के लिए कठिन समय में बेहद काम आ सकती है. आमतौर पर कर्मचारियों को इस बारे में पता नहीं होता. निजी क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों के मासिक वेतन से हर महीने एक निश्चित धनराशि काटकर कंपनी का प्रबंधन पीएफ अकाउंट में जमा करवा देता है.अधिकांश कर्मचारी यही सोचते हैं कि छोटी-छोटी रकम हर महीने जमा होकर उनके रिटायरमेंट तक एक बड़ी रकम में बदल जाएगी और बुढ़ापे में काम आएगी. ये कर्मचारी यह नहीं जानते कि पीएफ से साथ EDLI भी जुड़ी होती है, 

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पीएफ के साथ जुड़ी होती है EDLI

EDLI, दरअसल कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा स्कीम को कहते हैं, जो कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की एक जीवन बीमा सुविधा है. नौकरी करते वक्त यदि किसी एम्पलॉय की मृत्यु हो जाए, तो यह जीवन बीमा सुविधा उसके परिवार के लिए बेहद मददगार साबित होती है. इस योजना के तहत मृतक के नॉमिनी को 7 लाख रूपए तक का जीवन बीमा कवर दिया जाता है.

निजी क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए बड़ा सहारा है EDLI

भारत में प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों के लिए कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा स्कीम (EDLI) एक बड़ा सहारा है। EPFO ने इस स्कीम की शुरुआत 1976 में की थी। यह स्कीम कर्मचारी भविष्य निधि और कर्मचारी पेंशन स्कीम के साथ मिलकर काम करती है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाए, तो उसके परिवार को आर्थिक मदद मिल सके।

ईपीएफ का हिस्सा होने पर ही मिलेगा EDLI का लाभ

EDLI के तहत, मृतक कर्मचारी के अंतिम वेतन के आधार पर उसके नॉमिनी को एकमुश्त धनराशि दे दी जाती है. अप्रैल 2021 में ही सरकार ने इसके तहत मिलने वाली अधिकतम धनराशि को बढ़ाकर 7 लाख कर दिया था, जबकि मिलने वाली न्यूनतम  धनराशि 2.5 लाख रूपए है. इस योजना में भागीदारी करने के लिए कर्मचारी को कुछ निवेश या खर्चा नहीं करना पड़ता. वह जिस कंपनी में काम कर रहा होता है, वही कंपनी कर्मचारी के वेतन का 0.5 प्रतिशत या 75 रूपए, जो भी अधिक हो, उस धनराशि का भुगतान कर्मचारी के लिए करती है. इस योजना का लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों के परिजनों को मिलता है, जो ईपीएफ का हिस्सा हैं.

EDLI कैसे कर सकते हैं क्लेम?

नौकरी के दौरान मृत्यु होने पर मृतक के नॉमिनी के लिए EDLI का लाभ प्राप्त करना एक सरल प्रक्रिया है. इसके लिए उन्हें फार्म 5 IF सब्मिट करना होता है. इसके साथ मृत्यु प्रमाणपत्र और उत्तराधिकार प्रमाणपत्र जैसे सपोर्टिव दस्तावेज लगाने होते हैं. एक ब्लैंक चेक भी जमा करना होता है. इस फॉर्म को संबंधित कंपनी या किसी जनप्रतिनिधि (एमपी या एमएलए) या किसी गजेटेड अधिकारी से वेरिफाई करवाया जा सकता है. EPF ऑफिस, फॉर्म सब्मिट करने 30 दिनों के भीतर क्लेम सेटल कर देता है. देरी होने पर मृतक के नॉमिनी को ब्याज समेत रकम दी जाती है.

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