अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के लिए आई बेहद निराशाजनक खबर, IMF ने जताया ये अनुमान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (International Monetary Fund-IMF) का कहना है कि 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 4.4 फीसदी रहने का अनुमान है, 2021 में यह आंकड़ा 5.9 फीसदी का था.
highlights
- वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.1 फीसदी की दर से बढ़ेगी: IMF
- 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 4.4 फीसदी रहने का अनुमान है: IMF
नई दिल्ली:
भारत के ग्रोथ रेट को लेकर एक बेहद निराशाजनक खबर निकलकर सामने आ रही है. दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (International Monetary Fund-IMF) ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की वृद्धि दर (GDP Growth Rate) के अनुमान को घटा दिया है. IMF ने भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 9 फीसदी कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन की वजह से कारोबारी गतिविधियों और आवागमन पर पड़ने वाले नकारात्मक असर को देखते हुए पहले भी कई एजेंसियों ने भारत के ग्रोथ रेट के अनुमान में कटौती कर चुकी हैं.
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वाशिंगटन स्थित अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.1 फीसदी की दर से बढ़ेगी. बता दें कि अक्टूबर 2021-22 में आईएमएफ ने भारत की वृद्धि दर 9.5 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया था. वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. गौरतलब है कि IMF का ताजा अनुमान केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के 9.2 फीसदी और भारतीय रिजर्व बैंक के 9.5 फीसदी के अनुमान से कम है. हालांकि IMF का अनुमान विश्व बैंक के 8.3 फीसदी और फिच के 8.4 फीसदी की ग्रोथ रेट के अनुमान से ज्यादा है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष का कहना है कि 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 4.4 फीसदी रहने का अनुमान है, 2021 में यह आंकड़ा 5.9 फीसदी का था. आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने एक ब्लॉगपोस्ट में लिखा है कि कोरोना महामारी के तीसरे साल में प्रवेश के साथ ही पूरी दुनिया कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है. उनका कहना है कि ओमीक्रॉन के बढ़ते प्रसार की वजह से कई देशों में आवाजाही पर अंकुश लगाए गए हैं जिसकी वजह से श्रमबल का संकट उत्पन्न हो गया है.
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