फूड प्रोसेसिंग के लिए उद्योगपतियों का पसंदीदा क्षेत्र बना UP, बन रहे हैं रोजगार के ढेरों मौके

पिछले चार वर्षों में इन उद्योगपतियों ने 9105.58 करोड़ रुपये की लागत से 139 फूड प्रोसेसिंग यूनिट (कारखाने) स्थापित करने के लिए सरकार को प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं, जिनमें से 101 फूड प्रोसेसिंग कारखानों में उत्पादन शुरू हो गया है.

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Dhirendra Kumar
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Food Processing Industry

Food Processing Industry ( Photo Credit : IANS )

उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए फूड प्रोसेसिंग (Food Processing) उद्योगपतियों का पसंदीदा क्षेत्र बन गया है. सरकार के प्रवक्ता के अनुसार देश-विदेश के कई बड़े उद्योगपतियों ने राज्य में अपनी खुद की फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की पहल की है. पिछले चार वर्षों में इन उद्योगपतियों ने 9105.58 करोड़ रुपये की लागत से 139 फूड प्रोसेसिंग यूनिट (कारखाने) स्थापित करने के लिए सरकार (Yogi Government) को प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं, जिनमें से 101 फूड प्रोसेसिंग कारखानों में उत्पादन शुरू हो गया है. इन फूड प्रोसेसिंग कारखानों की स्थापना पर खर्च किए गए कुल 4,074.02 करोड़ रुपये के साथ, इसने 20,176 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं. उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार है जब फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में इतना बड़ा निवेश किया गया है.

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38 फैक्ट्रियों का चल रहा है निर्माण कार्य 

प्रवक्ता ने बताया कि 38 फैक्ट्रियों का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके 2021 के अंत तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है. 5,031.31 करोड़ रुपये के निवेश से ये फैक्ट्रियां अतिरिक्त 21,111 लोगों के लिए रोजगार पैदा करेंगी. जिन कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश किया है उनमें लखनऊ में एसएलएमजी प्राइवेट लिमिटेड - 300 करोड़ रुपये, बरेली में बीएल एग्रो - 160 करोड़ रुपये, रामपुर में खट्टर एडिबल्स प्राइवेट लिमिटेड - 150 करोड़ रुपये, बाराबंकी में ऑर्गेनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड प्लांट - 55 करोड़ रुपये, गौतम बुद्ध नगर में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड - 2,118 करोड़ रुपये, मथुरा में पेप्सिको - 514 करोड़ रुपये और गौतम बुद्ध नगर में हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड - 490 करोड़ रुपये शामिल हैं.

योगी सरकार ने लागू किया था यू.पी. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति -2017

प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपार संभावनाओं वाला राज्य है और देश में गन्ना, लौकी, मटर, आलू, कस्तूरी (कस्तूरी), तरबूज, कद्दू और दूध का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है और फिर भी पिछली सरकारों द्वारा क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया. फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री की स्थापना को बढ़ावा देने और उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार ने यू.पी. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति -2017 लागू किया था. इस नीति के तहत छोटे और बड़े उद्योगपतियों को सभी सुविधाएं दी गईं और पूंजीगत सब्सिडी और ब्याज में छूट की भी घोषणा की गई. फूड प्रोसेसिंग नीति में दी गई छूट के कारण कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस, प्याज गोदामों के निर्माण और आटा मिलों (अनाज मिलिंग) की स्थापना के लिए कई प्रस्ताव किए गए थे.

अब अलीगढ़, बरेली, बुलंदशहर, कानपुर देहात, जौनपुर और मथुरा में दूध से बने उत्पादों, औरैया और कासगंज में घी, वाराणसी और देवरिया में हरी मिर्च, अमरोहा, लखनऊ और सीतापुर में आम, 'काला नमक' के लिए सिद्धार्थ नगर, बस्ती, गोरखपुर में चावल, कुशीनगर में केले के चिप्स, पूर्वांचल में आलू व अन्य फसलों के लिये कारखाने स्थापित किये जा रहे हैं. इसी तरह पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश में मक्के की खेती को देखते हुए राज्य सरकार का जोर मक्का आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना कर रही है. सरकार एक संशोधित फूड प्रोसेसिंग नीति लाने पर विचार कर रही है ताकि उत्तर प्रदेश इस क्षेत्र में भारत का शीर्ष राज्य बन सके और राज्य में फूड प्रोसेसिंग की नई इकाइयों की स्थापना में और तेजी ला सके.

HIGHLIGHTS

  •  5,031.31 करोड़ रुपये के निवेश से ये फैक्ट्रियां अतिरिक्त 21,111 लोगों के लिए रोजगार पैदा करेंगी
  • देश में गन्ना, लौकी, मटर, आलू, कस्तूरी, तरबूज, कद्दू और दूध का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है यूपी
Investment Yogi Government Uttar Pradesh UP Food Processing Industry Policy 2017 Food Processing Industry food processing
      
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