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Tata को मिली एयर इंडिया की कमान, तस्वीर शेयर कर बोले रतन टाटा- Welcome back

डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. एयर इंडिया विनिवेश पर मंत्रियों के समूह ने फैसला किया है कि टाटा संस (Tata Sons) ने एयर इंडिया (Air India) की सबसे ऊंची बोली लगाई है.

Updated on: 08 Oct 2021, 05:52 PM

highlights

  • दिसंबर 2021 तक कंप्लीट हैंडओवर की प्रक्रिया
  • टाटा संस 2700 करोड़ रुपये कैश पेमेंट करेगा
  • 15300 करोड़ के कर्ज के साथ हुई डील 

नई दिल्ली:

डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. एयर इंडिया विनिवेश पर मंत्रियों के समूह ने फैसला किया है कि टाटा संस (Tata Sons) ने एयर इंडिया (Air India) की सबसे ऊंची बोली लगाई है. टाटा (Tata ) ने 18 हजार करोड़ की बोली लगाई है. अब सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया (Air India) दिसंबर तक टाटा ग्रुप के नियंत्रण में आ जाएगी. 68 साल बाद टाटा के पास एयर इंडिया पहुंची है. आपको बता दें कि बिडिंग प्रक्रिया में दो बड़े प्लेयर्स में टाटा संस और स्पाइसजेट थे, लेकिन टाटा ने बाजी मार ली है. एयर इंडिया के लिए बोली जीतने पर रतन टाटा ने ट्वीट किया कि "Welcome back, Air India"

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आपको बता दें कि एयर इंडिया को खरीदने वालों की रेस में टाटा संस समेत कई कंपनियां शामिल थीं, लेकिन टाटा ग्रुप की टाटा संस को ही सबसे बड़े दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था. हालांकि, वर्तमान में टाटा समूह की एयर एशिया और विस्तारा में भी हिस्सेदारी है. मंत्रियों के समूह ने सबसे ज्यादा बोली लगाने पर टाटा संस को एयर इंडिया की कमान सौंप दी है. 15300 करोड़ के कर्ज के साथ डील हुई है. टाटा संस 2700 करोड़ रुपये कैश पेमेंट करेगा. दिसंबर 2021 तक कंप्लीट हैंडओवर की प्रक्रिया हो जाएगी.

नागर विमानन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल ने कहा कि आज की तारीख में एयर इंडिया में 12,085 कर्मचारी हैं, जिसमें से 8,084 स्थायी कर्मचारी हैं और 4,001 कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं. इसके अलावा एयर इंडिया एक्सप्रेस में 1434 कर्मचारी हैं. 1 साल और तक अगर उनकी छटाई होगी तो उनको वीआरएस देना होगा.

बता दें कि पहले किसी समय में इस कंपनी का नाम टाटा एयरलाइंस ही था. जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयर सर्विसेज शुरू की थी, जो बाद में टाटा एयरलाइंस हुई और 29 जुलाई 1946 को यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी हो गई थी. 1953 में भारत सरकार ने टाटा एयरलाइंस का अधिग्रहण कर लिया और यह सरकारी कंपनी बन गई.

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सरकार ने वर्ष 2020 में विनिवेश प्रक्रिया शुरू की थी

घाटे से जूझ रही एयर इंडिया को बेचने के लिए सरकार ने जनवरी 2020 में विनिवेश प्रक्रिया शुरू की थी. उसी दौरान देश में कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हो गया. इसके चलते यह प्रक्रिया करीब 1 साल तक अधर में लटक गई. इस साल अप्रैल में सरकार ने इच्छुक कंपनियों से कहा कि वे एयर इंडिया को खरीदने के लिए वित्तीय बोली लगाएं. इसके लिए 15 सितंबर अंतिम तारीख तय की गई थी.