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यूक्रेन में रूसी हमले की वजह से बिगड़ सकता है भारतीय घरों के किचन का बजट

एक अनुमान के मुताबिक भारत तकरीबन 35 लाख टन सूरजमुखी तेल का उपयोग करता है जो कि देश में कुल खाद्य तेल की खपत का करीब 20 फीसदी है.

Updated on: 25 Feb 2022, 03:38 PM

highlights

  • दुनियाभर की कुल खपत का 70 फीसदी सूरजमुखी तेल यूक्रेन से एक्सपोर्ट होता है 
  • भारत अनुमान के मुताबिक करीब 35 लाख टन सूरजमुखी तेल का उपयोग करता है  

नई दिल्ली:

Ukraine Russia Crisis: एक ओर जहां यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैनिक कार्रवाई चल रही है. वहीं दूसरी ओर भारतीय घरों के किचन में भी महंगाई का हमला जारी है. ताजा मामला यह है कि यूक्रेन संकट की वजह से भारतीय रसोई का बजट बिगड़ सकता है. दरअसल, यूक्रेन संकट के चलते घरेलू बाजार में सूरजमुखी तेल (Sunflower Oil) की सप्लाई प्रभावित होने की आशंका है और उसकी वजह से इसकी कीमतों में इजाफा हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हालांकि सरकार का मानना है कि सूरजमुखी तेल की कीमतें बढ़ने पर लोग दूसरे तेलों की ओर रुख कर सकते हैं. 

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रूस-यूक्रेन से होता है पूरी दुनिया की कुल खपत का 90 फीसदी एक्सपोर्ट 
बता दें कि इस साल सरसों की अच्छी पैदावार हुई है और इसकी वजह से आने वाले दिनों में सरसों तेल की कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी के आसार कम हैं. जानकारों का कहना है कि भारत में बहुत से लोग सूरजमुखी के तेल का उपयोग अपने भोजन में करते हैं. एक अनुमान के मुताबिक भारत तकरीबन 35 लाख टन सूरजमुखी तेल का उपयोग करता है जो कि देश में कुल खाद्य तेल की खपत का करीब 20 फीसदी है. बता दें कि पूरी दुनिया में यूक्रेन सूरजमुखी के तेल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है. दुनियाभर की कुल खपत का 70 फीसदी सूरजमुखी तेल यूक्रेन से एक्सपोर्ट होता है, जबकि रूस 20 फीसदी और अर्जेंटीना 10 फीसदी एक्सपोर्ट करते हैं.   

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खाद्य तेल मार्केट के जानकारों का कहना है कि खाद्य तेल बनाने वाली कंपनियों के पास करीब 45 से 55 दिन का सरप्लस स्टॉक रहता है. वहीं पिछले कुछ दिन से रूस और यूक्रेन से माल आना कम हो गया है और अब युद्ध शुरू होने पर यह बिल्कुल रुक गया है.