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कोरोना काल में मसालों के एक्सपोर्ट में 23 फीसदी की बढ़ोतरी, जून में 35.9 करोड़ डॉलर का निर्यात

भारत से निर्यात किए जाने वाले मसालों में काली मिर्च, इलायची, अदरक, हल्दी, धनिया, जीरा, अजवाइन, सौंफ, मेथी, जायफल और पुदीना शामिल हैं.

Updated on: 20 Jul 2020, 01:36 PM

नई दिल्ली:

व्यापार संगठन एसोचैम (ASSOCHAM) ने कहा है कि भारत से मसालों का निर्यात (Spice Export) जून 2020 में 23 प्रतिशत बढ़कर 35.9 करोड़ डॉलर (करीब 2,690 करोड़ रुपये) हो गया, जो जून 2019 में 29.2 करोड़ डॉलर (2,190 करोड़ रुपये) था. व्यापार संगठन द्वारा किए गए अध्ययन में यह भी पाया गया कि घरेलू बाजार में मसालों (Latest Spice News) की बढ़ती मांग के कारण जून में उनकी कीमतों में लगभग 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि इस दौरान उपभोक्ता मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति इससे आधी थी.

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उद्योग के आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से एसोचैम ने कहा कि विनिमय दर की बढृ़त के कारण घरेलू मुद्रा के रूप में निर्यातकों को कहीं बेहतर मुनाफा मिला और रुपये की मद में जून 2020 में निर्यात 34 प्रतिशत बढ़कर 2,721 करोड़ रुपये हो गया. भारत से निर्यात किए जाने वाले मसालों में काली मिर्च, इलायची, अदरक, हल्दी, धनिया, जीरा, अजवाइन, सौंफ, मेथी, जायफल और पुदीना शामिल हैं.

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गडकरी ने गरीबों को पूंजी मुहैया कराने के लिए अलग नीति पर जोर दिया

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े लोगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने हेतु पूंजी समर्थन मुहैया कराने के लिए एक अलग नीति की जरूरत पर जोर दिया. एमएसएमई और सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री ने एक डिजिटल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से ऐसे पिछड़े लोगों, जिनके पास कौशल तो है, लेकिन पूंजी नहीं है, उनके लिए अलग नीति की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जब लोग ग्रामीण भारत से शहरी भारत की ओर पलायन करते हैं, तो यह उनकी इच्छा के कारण नहीं, बल्कि मजबूरी के कारण होता है.

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गडकरी ने कहा, ‘‘क्योंकि उनके पास रोजगार नहीं है और गरीबी एक बड़ी समस्या है. गरीबी उन्मूलन के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें से जिन लोगों के पास कुछ प्रतिभा है, जिनके पास साहस है, जिनके पास उद्यमशीलता है, हमें उन्हें वित्त देना चाहिए, हमें उनकी मदद करनी चाहिए. (इनपुट भाषा)