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UPA से लेकर NDA तक कैसी रही पेट्रोल-डीजल की स्थिति, जानिए यहां

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि मोदी सरकार ने ठाना है, जनता को लूटते जाना है. बस दो का विकास कराना है.

Updated on: 20 Feb 2021, 03:06 PM

highlights

  • देश के कई शहरों में पेट्रोल (Petrol) की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंची
  • मोदी सरकार ने पहली बार अक्टूबर 2017 में एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये की कमी की थी

नई दिल्ली:

Petrol Diesel News: देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 90 रुपये के पार पहुंच गया है, जबकि डीजल का भाव 81 रुपये के आस-पास है. इंडियन ऑयल के मुताबिक आज यानि शनिवार को दिल्ली में पेट्रोल 90.58 रुपये प्रति लीटर और डीजल 80.97 रुपये प्रति लीटर के भाव पर मिल रहा है. वहीं देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गई है. 100 रुपये के पार पहुंचने पर देशभर में महंगाई को लेकर हल्ला मचा हुआ है. विपक्ष ने केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के ऊपर पेट्रोल-डीजल की महंगाई को लेकर लगातार हमला बोल रखा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि 'मोदी सरकार ने ठाना है, जनता को लूटते जाना है. बस ‘दो’ का विकास कराना है. उन्होंने एक और ट्वीट में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार के ऊपर कटाक्ष किया है उन्होंने लिखा है कि वो जुमलों का शोर मचाते हैं, हम सच का आईना दिखाते हैं. 

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मोदी सरकार के शासनकाल में इतने महंगे हो गए पेट्रोल-डीजल
उन्होंने ट्वीट में एक अटैचमेंट के जरिए जानकारी साझा की है कि जून 2014 में जब मोदी सरकार पहली बार सत्ता में आई थी तो ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 93 डॉलर प्रति बैरल थी और उस समय पेट्रोल की कीमत 71 रुपये और डीजल की कीमत 57 रुपये के करीब थी, लेकिन करीब 7 साल बाद कच्चे तेल का दाम 30 डॉलर कम होकर 63 डॉलर के आस-पास है फिर भी पेट्रोल सेंचुरी बना रहा है और डीजल उसके पीछे पीछे भाग रहा है. बता दें कि मोदी सरकार के अभी तक कार्यकाल में पेट्रोल का दाम करीब 26 फीसदी और डीजल का दाम करीब 42 फीसदी बढ़ गया है. 

केंद्र के अलावा सभी राज्यों में अलग-अलग टैक्स
बता दें कि देश के सभी राज्यों में पेट्रोल और डीजल के दाम एक जैसे नहीं है और इसकी वजह यह है कि इसके ऊपर सभी राज्यों में अलग-अलग टैक्स लगता है. केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारें वैट लगाती हैं. कुछ राज्य तो पेट्रोल-डीजल के ऊपर केंद्र की उत्पाद शुल्क की बराबरी के लिए वैट भी उतना ही लगाने की कोशिश करते हैं. ऐसे में उन राज्यों में वैट ज्यादा होने से पेट्रोल-डीजल के दाम ज्यादा हो जाते हैं, बता दें कि जिन राज्यों में वैट कम होता है उन राज्यों में पेट्रोल-डीजल सस्ता बिकता है. बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पेट्रोल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क को 19.98 रुपये से बढ़ाकर 32.98 रुपये कर दिया था. वहीं डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क को 15.83 रुपये से बढ़ाकर 31.83 रुपये कर दिया था. 

किन राज्यों में है कितना वैट
राजस्थान सरकार ने पिछले महीने यानि जनवरी पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट में दो फीसदी की कमी का ऐलान किया था. राजस्थान में मौजूदा समय में पेट्रोल के ऊपर 36 फीसदी का वैट लगता है, इसके अलावा 1 लीटर पेट्रोल पर 1.5 रुपये का रोड डेवलपमेंट सेस भी लिया जाता है. दूसरी ओर राजस्थान में डीजल के ऊपर 26 फीसदी वैट के अलावा 1 लीटर डीजल पर 1.75 रुपये का रोड डेवलपमेंट सेस लगता है. मध्य प्रदेश की बात करें तो पेट्रोल के ऊपर 33 फीसदी वैट लगता है. MP में हर एक लीटर के ऊपर 4.50 रुपये सेस लगता है. MP में डीजल पर 23 फीसदी वैट के अलावा 3 रुपये प्रति लीटर सेस देना पड़ता है. देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल पर 30 फीसदी और डीजल पर 16.75 फीसदी वैट है. दिल्ली में डीजल पर 0.25 रुपये प्रति किलोलीटर वायु परिवेश शुल्क भी वसूला जाता है. केंद्र शासित प्रदेश अंडमान एवं निकोबार में पेट्रोल और डीजल पर वैट की दर 6 फीसदी है.

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  • आंध्र प्रदेश- पेट्रोल पर वैट 31 फीसदी, 4 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त शुल्क, डीजल पर दो 22.25 फीसदी वैट
  • महाराष्ट्र : पेट्रोल पर वैट 26 फीसदी, 10 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त कर, डीजल पर 24 फीसदी वैट, 3 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त कर
  • कर्नाटक: पेट्रोल पर 35 प्रतिशत वैट, डीजल पर 24 प्रतिशत वैट
  • उड़ीसा : पेट्रोल पर 32 फीसदी वैट
  • छत्तीसगढ़: पेट्रोल पर 25 फीसदी वैट
  • तेलंगाना: पेट्रोल पर 35.20 फीसदी वैट

इस शहरों में 100 के पार पेट्रोल के दाम

  • श्रीगंगानगर   101.22 रुपये
  • श्रीगंगानगर   104 रुपये (प्रीमियम)
  • बाड़मेर        101.37  रुपये (प्रीमियम)
  • उदयपुर में    100.03 रुपये  (प्रीमियम)
  • हनुमानगढ़   100.58 रुपये
  • सतना         100.49 रुपये
  • रीवा           100.64 रुपये
  • अनूपपुर      100.98 रुपये
  • बालाघाट    100.59 रुपये
  • शहडोल    100.66 रुपये

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UPA शासनकाल में क्या थी कीमत
अप्रैल 2014 के दौरान यूपीए शासन काल में कच्चे तेल का दाम 108 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास था और उस समय पेट्रोल 71.51 रुपये प्रति लीटर और डीजल 57.28 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा था. वहीं मौजूदा समय यानि फरवरी 2021 में मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान कच्चे तेल की कीमत 61 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास है और इस समय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 90.58 रुपये प्रति लीटर और डीजल 80.97 रुपये प्रति लीटर है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार ने पिछले 6 साल में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी को कुल 12 बार बढ़ाया है. वहीं इसके विपरीत सिर्फ 2 बार घटाया है. मोदी सरकार ने पहली बार अक्टूबर 2017 में एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये की कमी की थी और दूसरी बार अक्टूबर 2018 में 2 रुपये एक्साइज ड्यूटी में कटौती की गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार के द्वारा पेट्रोल और डीजल के ऊपर जितनी एक्साइज ड्यूटी लगाई जा रही है उतनी ड्यूटी किसी भी कार्यकाल में नहीं लगाई गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2017 में वित्त मंत्री ने तेल का दाम घटाने के लिए राज्यों को वैट घटाने के लिए पत्र लिखा था और इसकी जानकारी खुद पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी थी. हालांकि केंद्र सरकार के निर्देश के बाद भी भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित राज्यों ने भी वैट नहीं घटाया. हालांकि उस दौरान महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने वैट में कटौती की थी.