Petrol Diesel Price: अगले कुछ दिनों में एक से दो रुपये सस्ता हो सकता है पेट्रोल-डीजल, कच्चे तेल में गिरावट का असर
Petrol Diesel Price: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में इस महीने 15 से 16 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है. तेल विपणन कंपनियां अगर इस गिरावट के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती करती है तो आम उपभोक्ताओं को महंगाई से थोड़ी राहत मिलेगी.
नई दिल्ली:
Petrol Diesel Price: डीजल के दाम में बुधवार को लगातार दूसरे दिन स्थिरता बनी रही, जबकि पेट्रोल के दाम में एक सितंबर के बाद से कोई बदलाव नहीं हुआ है. हालांकि कच्चे तेल (Crude Price Today) के दाम में हालिया गिरावट के बाद तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दाम में आने वाले दिनों में कटौती कर सकती है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में इस महीने 15 से 16 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है. तेल विपणन कंपनियां अगर इस गिरावट के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती करती है तो आम उपभोक्ताओं को महंगाई से थोड़ी राहत मिलेगी.
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एक से दो रुपये प्रति लीटर तक सस्ते हो सकते हैं पेट्रोल और डीजल: अनुज गुप्ता
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी व करेंसी) अनुज गुप्ता बताते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में आई हालिया गिरावट का असर पेट्रोल और डीजल के दाम में अगले सप्ताह तक देखने को मिल सकता है. उन्होंने कहा कि अगर कच्चे तेल के दाम में गिरावट का सिलसिला दो हफ्ते तक जारी रहा तो आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल एक से दो रुपये प्रति लीटर तक सस्ते हो सकते हैं. इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल की कीमत बिना किसी बदलाव के क्रमश: 73.16 रुपये, 76.66 रुपये, 79.69 रुपये और 78.48 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई है। पेट्रोल का भाव भी बिना किसी बदलाव के क्रमश: 82.08 रुपये, 83.57 रुपये, 88.73 रुपये और 85.04 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर बना हुआ है.
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अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव 40 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है, जोकि जून के बाद का सबसे निचला स्तर है। वहीं, अमेरिकी लाइट क्रूड डब्ल्यूटीआई की कीमत 36 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. कोरोना का कहर दोबारा गहराने से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियों पर पड़ने वाले असर से तेल की खपत मांग में नरमी की आशंका के बीच कीमतों में गिरावट आई है. सितंबर में अब तक डब्ल्यूटीआई का भाव करीब सात डॉलर प्रति बैरल यानी 16 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है जबकि ब्रेंट का भाव 15 फीसदी से ज्यादा लुढ़का है.
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