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रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद MSP से ऊंचे भाव पर बिक रही सरसों

Mustard Latest News: कारोबारियों ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाने के तमाम तेलों के दाम ऊंचे होने से सरसों के भाव में तेजी है और आगे आवक जोर पकड़ने के बावजूद भाव में गिरावट की संभावना कम है.

Updated on: 22 Mar 2021, 08:06 AM

highlights

  • सरसों का भाव 5,800 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि इस साल MSP 4,650 रुपये प्रति क्विंटल
  • चालू रबी सीजन के दौरान देशभर में 89.50 लाख टन सरसों का उत्पादन होने की उम्मीद

नई दिल्ली:

Mustard Latest News: देश में इस साल सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन होने के बावजूद किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी ऊंचा भाव मिल रहा है. देश में इस समय सरसों का भाव 5,800 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि सरसों का एमएसपी इस साल 4,650 रुपये प्रंति क्विंटल है. ऐसे में किसानों को एमएसपी से करीब 1,200 रुपये प्रति क्विंटल ऊपर भाव मिल रहा है. कारोबारियों ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाने के तमाम तेलों के दाम ऊंचे होने से सरसों के भाव में तेजी है और आगे आवक जोर पकड़ने के बावजूद भाव में गिरावट की संभावना कम है. तेल कारोबारियों ने बताया कि आयातित तेल महंगे भाव चल रहे हैं, इसलिए सरसों तेल की खपत बढ़ गई है.

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सरसों तेल की खपत बढ़ने का एक मुख्य कारण इसकी शुद्धता है. तेल बाजार विशेषज्ञों ने बताया कि आयातित तेल महंगा होने से सरसों तेल में मिलावट की गुंजाइश नहीं रह गई है। लिहाजा, उपभोक्ताओं को शुद्ध सरसों का तेल मिलना सुनिश्चित हुआ है. केंद्र सरकार द्वारा पिछले महीने जारी फसल वर्ष 2020-21 के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, देशभर में इस साल सरसों का उत्पादन 104.27 लाख टन है. हालांकि खाद्य तेल उद्योग संगठन सेंट्रल ऑगेर्नाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (सीओओआईटी) और मस्टर्ड ऑयल प्रोडूसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) की द्वारा किए गए आकलन के अनुसार, देश में इस साल सरसों का उत्पादन 89.50 लाख टन है.

देश में सरसों का उत्पादन इस साल 89.5 लाख टन : उद्योग संगठन

उद्योग संगठन सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (सीओओआईटी) और मस्टर्ड आयल प्रोडूसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) को चालू रबी सीजन के दौरान देशभर में 89.50 लाख टन सरसों का उत्पादन होने की उम्मीद है. सीओओआईटी द्वारा आयेजित तेलहन, तेल व्यापार व उद्योग पर आधारित दो दिवसीय 41वें रबी सेमिनार में रविवार को यहां सरसों के उत्पादन का अनुमान जारी किया गया. उद्योग संगठन ने बताया कि देश के प्रमुख सरसों उत्पादक राज्यों में करवाए गए सर्वेक्षण के आधार पर किए गए आकलन के मुताबिक, सरसों का उत्पादन इस साल 89.50 लाख टन हो सकता है जोकि पिछले साल के उद्योग संगठन के आकलन से 22 फीसदी ज्यादा है.

सीओओआईटी के अध्यक्ष बाबूलाल डाटा ने बताया कि रबी सीजन के दौरान इस साल मौसम अनुकूल रहने और किसानों द्वारा सरसों की खेती में दिलचस्पी लेने से बुवाई के क्ष़ेत्र में बढ़ोतरी हुई और प्रति हेक्टेयर पैदावार में भी इजाफा हुआ है, लिहाजा इस साल देश में सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन होने की उम्मीद है. उद्योग संगठन के आकलन के अनुसार, देश के सबसे बड़े सरसों उत्पादक राज्य राजस्थान में इस साल करीब 25 लाख हेक्टेयर में सरसों की फसल है और उत्पादन 35 लाख टन होने का अनुमान है. वहीं, उत्तर प्रदेश में 15 लाख टन सरसों का उत्पादन होने का अनुमान है. पंजाब और हरियाणा में 10.50 लाख टन, मध्यप्रदेश में 10 लाख टन, पश्चिम बंगाल में पांच लाख टन, गुजरात में चार लाख टन और देश के पूर्वी व अन्य राज्यों में तकरीबन 10 लाख टन सरसों का उत्पादन होने का अनुमान है.

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केंद्र सरकार द्वारा पिछले महीने जारी फसल वर्ष 2020-21 के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार देशभर में इस साल सरसों का उत्पादन 104.27 लाख टन है. उद्योग संगठन के अनुमान की विश्वसनीयता को लेकर पूछे गए सवाल पर बाबूलाल डाटा ने कहा, ''हम सर्वेक्षण के आधार पर अपना अनुमान जारी करते हैं और पिछले पांच साल का आकलन सही पाया गया है क्योंकि उसमें कोई ज्यादा का अंतर नहीं आया है. उन्होंने कहा कि बहरहाल, विदेशी बाजार के रुखों से देश का तेल बाजार चल रहा है, क्योंकि भारत खाने के तेल के आयात पर इस समय निर्भर है और वैश्विक बाजार जब तेज रहेगा और देश में तेल का दाम ऊंचा रहेगा. इनपुट आईएएनएस