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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, तुअर आयात के लाइसेंस की वैधता 31 दिसंबर तक बढ़ाई

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने सार्वजनिक सूचना में कहा कि तुअल दाल (Tur Dal) आयात के लिए अपरिवर्तनीय वाणिज्यिक साख पत्र (आईसीएलसी) की कट-ऑफ तिथि अब एक दिसंबर, 2020 होगी.

Updated on: 27 Oct 2020, 09:15 AM

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने तुअर दाल (Tur Dal) के आयात के लाइसेंस की वैधता को इस साल 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाने का फैसला किया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने सार्वजनिक सूचना में कहा कि आयात के लिए अपरिवर्तनीय वाणिज्यिक साख पत्र (आईसीएलसी) की कट-ऑफ तिथि अब एक दिसंबर, 2020 होगी.

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इसमें कहा गया है कि पात्र और सत्यापित आवेदक जिन्हें लाइसेंस जारी किया गया है, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि तुअर की आयात खेप 31 दिसंबर से पहले भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच जाए. डीजीएफटी ने कहा कि तुअर के आयात के लिए लाइसेंस की वैधता को 15 नवंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 करने का फैसला किया गया है.

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महंगी दाल से राहत दिलाने के लिए 5 राज्यों ने खरीदा था एक लाख टन तुअर 

बता दें कि पिछले दिनों मोदी सरकार ने दलहनों (Pulses) की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए बिहार सहित पांच राज्यों ने रियायती दर पर खुदरा बिक्री करने के लिए उसके बफर स्टॉक से कुल एक लाख टन तुअर दाल खरीदने में रुचि दिखाई थी. पिछले दिनों केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा था कि इसके अलावा, सरकार ने खुले बाजार में बिक्री (ओएमएस) के लिए बफर स्टॉक से 40,000 टन तुअर को छोटे लॉटों में जारी करने का भी फैसला किया है, ताकि दलहन तेज गति से खुदरा बाजार में पहुंच सके और बढ़ती कीमतों को रोकने में मदद कर सके.