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पंजाब, हरियाणा में आढ़तिया प्रथा खत्म करने को लेकर आया मोदी सरकार का बड़ा बयान

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मोड से भुगतान होने से किसान, आढ़तिया और मंडी समेत सभी भागीदारों को सीधे ऑनलाइन भुगतान होगा और इससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी.

Updated on: 20 Feb 2021, 04:10 PM

highlights

  • पंजाब में किसानों को आढ़तिया के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान हो रहा है और हरियाणा में एफसीआई किसानों के खाते में ऑनलाइन भुगतान करता है 
  • भारत सरकार ने किसानों से MSP पर खरीदी जाने वाली फसलों का भुगतान उनके खाते में करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड से भुगतान की शुरुआत 2015-16 में की थी

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने कहा है कि पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) में आढ़तिया प्रथा (Arhtiyas System) को समाप्त करने की उसकी कोई मंशा नहीं है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मोड से भुगतान होने से किसान, आढ़तिया और मंडी समेत सभी भागीदारों को सीधे ऑनलाइन भुगतान होगा और इससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. मंत्रालय ने कहा कि इससे पारदर्शितता आएगी और लीकेज बंद होगा न कि मौजूदा एपीएमसी व्यवस्था बदल जाएगी. भारत सरकार ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी जाने वाली फसलों का भुगतान उन्हें सीधे उनके खाते में करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड से भुगतान की शुरुआत 2015-16 में ही की थी और उसी समय से पंजाब और हरियाणा में भी पूरी तरह लागू करने की कोशिश की जा रही है.

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पंजाब में किसानों को आढ़तिया के जरिए हो रहा है एमएसपी का भुगतान
हालांकि आंशिक रूप से ई-मोड भुगतान दोनों प्रदेशों में शुरू हो गया है. मंत्रालय ने बताया कि पंजाब में किसानों को आढ़तिया के जरिए एमएसपी का भुगतान किया जा रहा है. वहीं, हरियाणा में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) सीधे किसानों के खाते में ऑनलाइन भुगतान करता है जबकि राज्यों की एजेंसियां ई-खरीद पोर्टल पर किसानों द्वारा चुने गए विकल्प के अनुसार कुछ आढ़तिया के जरिए और कुछ ऑनलाइन भुगतान करती हैं. केंद्र सरकार ने दोनों प्रदेशों की सरकारों को अगले सीजन में पूरी तरह ऑनलाइन एमएसपी का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने बताया कि राज्यों की एजेंसियों को भुगतान के लिए पब्लिक फाइनेंशियल मॉड्यूल सिस्टम (पीएफएमएस) के एक्सपेंडिचर एडवांस ट्रांसफर मॉड्यूल (ईएटी) का उपयोग भी सुनिश्चित करना होगा जिसे वित्त मंत्रालय ने अनिवार्य कर दिया है.

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राज्य सरकारों को अपनी ऑनलाइन भुगतान प्रणाली को पीएफएमएस से जोड़ना होगा और इसमें किसानों के ऑनलाइन पंजीकरण और उनके ऑनलाइन भुगतान का फीचर्स होना अवश्य होंगे. मंत्रालय ने बताया कि ई-मोड का उपयोग होने से पूरे वैल्यू चेन में किसान, आढ़तिया और मंडी को ऑनलाइन भुगतान होगा जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और सबको लाभ मिलेगा। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह मौजूदा एपीएमसी प्रणाली का प्रतिस्थापन नहीं है.