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किसानों की सुविधा के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा ने शुरू की ये बड़ी सेवा

महिंद्रा ने एक बयान में कहा कि कृष-ई एक व्यवसायिक कार्यक्षेत्र है जो प्रौद्योगिकी संचालित सेवाएं प्रदान करेगा. यह किसानों के लिए प्रगतिशील, सस्ती और सुलभ हैं.

Updated on: 03 Oct 2020, 12:56 PM

मुंबई :

Mahindra & Mahindra के फार्म इक्विपमेंट सेक्टर ने कहा कि उसने अपने नये ‘सेवा के रूप में खेती’ व्यवसाय के तहत महाराष्ट्र में कृष-ई केंद्रों की शुरुआत की है. महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा 19.4 अरब डॉलर के महिंद्रा समूह का हिस्सा है. महिंद्रा ने एक बयान में कहा कि कृष-ई एक व्यवसायिक कार्यक्षेत्र है जो प्रौद्योगिकी संचालित सेवाएं प्रदान करेगा. यह किसानों के लिए प्रगतिशील, सस्ती और सुलभ हैं और पूरे फसल चक्र में डिजिटल रूप से सक्षम सेवाओं के माध्यम से यह किसान आय बढ़ाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है.

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किसान डिजिटल ऐप के कृष-ई सूट के माध्यम से व्यक्तिगत सेवाओं का उठा सकते हैं लाभ
कंपनी ने अपना पहला कृष-ई केंद्र औरंगाबाद और बारामती में खोला और बाद में महाराष्ट्र के छह अन्य स्थानों पर जालना, वर्धा, नांदेड़, पुणे, दौंड और सोलापुर में यह खोला गया. बयान में कहा गया है कि कृष-ई केंद्र जल्द ही चरणबद्ध तरीके से अन्य राज्यों में शुरु होंगे। इन केंद्रों में एक ओमनी चैनल दृष्टिकोण है जहां किसान डिजिटल ऐप के कृष-ई सूट के माध्यम से व्यक्तिगत सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं और उसके कॉल सेंटर के माध्यम से कृष-ई सहायकों तक भी पहुंच सकते हैं. एमएंडएम फार्म इक्विपमेंट सेक्टर (एफईएस) के अध्यक्ष हेमंत सिक्का ने कहा कि हालांकि कृषि में निवेश और तकनीकी नवाचारों ने भारत में उत्पादन स्तर में सुधार किया है, लेकिन उत्पादकता और खेती से होने वाली आय के क्षेत्र में और सुधार की गुंजाइश है.

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उन्होंने कहा कि हम खेती करने के तरीके में बदलाव करके अपने हिस्से का काम करना चाहते हैं. हमारे मुख्य ध्यान का केन्द्र किसानों की आय में वृद्धि करने के साथ, हमारी दृष्टि भारतीय किसानों को प्रतिस्पर्धी लागतों पर प्रौद्योगिकी प्रदान करना और इस तरह उन्हें ऊपर उठने में सक्षम बनाना है. एम एंड एम एफईएस रणनीति और एफएएएस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमेश रामचंद्रन ने कहा कि कृष-ई के माध्यम से, कंपनी ने पहले ही एक लाख से अधिक किसानों पर अपना सकारात्मक प्रभाव छोड़ा है। कंपनी द्वारा दिये जाने वाले समाधान खेती की लागत, फसल स्वास्थ्य और उत्पादकता पर हुए अनुकूल प्रभाव का प्रदर्शन करते हैं.