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अमेरिका तक बिखरा भारतीय हल्दी का रंग, वैश्विक उत्पादन में 80 फीसदी योगदान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मेघालय के मुख्यमंत्री कानराड के. संगमा ने एक कार्यक्रम में मेघालय की प्रसिद्ध 'लकडोंग' हल्दी को अमेरिका में लांच किया.

Updated on: 17 Dec 2020, 01:30 PM

नई दिल्ली :

भारत की हल्दी (Turmeric) का रंग अमेरिका तक बिखर चुका है. अमेरिका की एक कंपनी ने भारत के पूर्वोत्तर प्रांत मेघालय में उगाई जाने वाली हल्दी की खास वेरायटी 'लकडोंग' से न्यूट्रास्यूटिकल्स बनाने के लिए एक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के साथ समझौता किया है. इसी सिलसिले में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मेघालय के मुख्यमंत्री कानराड के. संगमा ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में मेघालय की प्रसिद्ध 'लकडोंग' हल्दी को अमेरिका में लांच किया. इस अवसर पर तोमर ने मेघालय के मेहनतकश किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अन्नदाताओं की प्रगति के लिए केंद्र सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. केंद्रीय मंत्री ने मेघालय सहित पूर्वोत्तर राज्यों में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.

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तोमर ने कृषि प्रधान राज्य मेघालय के मुख्यमंत्री, सभी किसानों व अन्य निवासियों को बधाई देते हुए कहा कि आज उनके अपने राज्य की लकडोंग हल्दी की प्रसिद्धि सात समुंदर पार पहुंच गई है. मेघालय के जयन्तिया हिल्स जिले में एक एफपीओ ने लकडोंग की हल्दी से न्यूट्रास्यूटिकल्स बनाने के लिए अमेरिका की एक कंपनी के साथ सहयोग किया है. ऐसे और भी प्रयासों की जरूरत है तथा राज्य में नए एफपीओ भी बनाए जाएं ताकि छोटे व गरीब किसानों को सहायता मिल सके. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर मेघालय में कृषि व औषधियों के क्षेत्र में प्रचुर संभावनाएं हैं.

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मेघालय की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मेघालय की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित है और किसान अलग जलवायु में भी श्रेष्ठ किस्म की हल्दी सहित अन्य फसलें उगा रहे रहे हैं. तोमर ने कहा, भारत, हल्दी का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है जो वैश्विक उत्पादन में 80 फीसदी से अधिक का योगदान देता है. वर्ष 2019-20 के अनुमान के मुताबिक, भारत ने 2.50 लाख हेक्टेयर के अनुमानित क्षेत्र से 9.40 लाख टन हल्दी का उत्पादन किया. भारत, हल्दी का विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक भी है और भारतीय हल्दी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रीमियम मूल्य प्राप्त करती है. भारत में उत्पादित हल्दी का लगभग 16 से 17 फीसदी हल्दी पाउडर, करक्यूमिन पाउडर, तेल और ओलेओरिंस सहित निर्यात उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाता है. पिछले कुछ वर्षों में भारत से हल्दी का निर्यात काफी बढ़ा है.

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उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने मेघालय की पारिस्थितिक स्थिति की विशिष्टता की पहचान की है, जो राज्य के अन्य स्थानों की तुलना में बहुत अधिक कुरक्यूमिन वाली 'लकडोंग' प्रजाति की हल्दी का उत्पादन करने में सक्षम बनाता है. इस अनूठी प्राकृतिक किस्म ने इस क्षेत्र के किसानों को राज्य में सर्वोत्तम हल्दी मसाले का उत्पादन करने का सुनहरा अवसर दिया है. कार्यक्रम में मेघालय के मुख्यमंत्री कानराड के. संगमा ने कहा कि मेघालय की लकडोंग हल्दी उगाने वाले किसानों के लाभ तथा इसकी ब्रांडिंग के लिए लिए दो साल से मिशन शुरू किया गया है. इसके माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य है। उन्होंने इस मिशन को केंद्र सरकार के साथ मिलकर आगे बढ़ाने का विचार व्यक्त किया. अमेरिका में काउंसल जनरल डॉ. टी.वी. नागेंद्र प्रसाद, मेघालय के मुख्य सचिव एम.एस. राव, प्रमुख सचिव (कृषि) डॉ. शकील पी. अहमद तथा कंपनी की संचालक राधिका पोंडा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया.