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त्योहारों से पहले आई राहत भरी खबर, महंगाई पर लगी लगाम, जरूरी सामान के घट रहे दाम

Festival Season Will Bring Down Rates Of Commodity: अच्छे मॉनसून की वजह से जरूरी वस्तुओं के दाम में गिरावट का दौर बना हुआ है.भारत में अगले महीने के आखिर से जहां एक ओर त्योहारों की धूम रहेगी वहीं दूसरी ओर शादियों का सीजन भी दस्तक देगा.

Updated on: 25 Jul 2022, 08:45 PM

highlights

  • अच्छी बुआई की वजह से मानसून का आना अच्छी पैदावार का बनेगा कारक
  • शादी के सीजन के आने से मार्केट में जेवराती सोने की बढ़ने लगेगी खरीददारी

नई दिल्ली:

Festive Season Will Bring Down Rates Of Commodity: इन दिनों सोना- चांदी के भाव में ही गिरावट का दौर नहीं बना हुआ है बल्कि आटा- दाल चावल का भाव भी बजट में बना हुआ है. अच्छे मॉनसून की वजह से जरूरी वस्तुओं के दाम में गिरावट का दौर बना हुआ है.भारत में अगले महीने के आखिर से जहां एक ओर त्योहारों की धूम रहेगी वहीं दूसरी ओर शादियों का सीजन भी दस्तक देगा. इस वजह खरीददार बाजारों की ओर रुख करेंगें. अच्छी बात ये है कि त्योहार के सीजन की दस्तक के साथ ही महंगाई पर भी लंबे समय बाद विराम लगने जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ना सिर्फ सोना- चांदी के भाव बल्कि मार्केट में खाद्य तेल की कम होती कीमतें भी ग्राहकों को लुभाएंगी. ऐसे में त्योहारी सीजन हर किसी के लिए खरीददारी का अच्छा समय भी बनेगा.

इतने गिरे सोना चांदी के भाव
हालांकि बीते दिनों ही सरकार सोने पर आयात शुल्क को बढ़ा चुकी है, जिसकी वजह से माना जा रहा था कि जेवराती सोना महंगा हो जाएगा. लेकिन ग्लोबल मार्केट की वजह से सोना- चांदी की कीमतें गिरने लगी हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के आंकड़ों की मानें तो बीते तीन महीनों में जेवराती सोने के दाम 2500 रुपए प्रति तोले के हिसाब से घटे हैं. जबकि चांदी भी 15,700 हजार रुपए प्रति किलो तक सस्ती हुई है. यही नहीं शादी के सीजन की दस्तक के साथ ही अगले साल फरवरी तक अच्छी खरीददारी की पूरी आशंकाएं जताई जा रहीं हैं. 

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तिलहन की पैदावर में बढ़ोतरी
बाजार के जानकारों की मानें तो तिलहन की पैदावर में बढ़ोतरी के भी पूरे संकेत मिल रहे हैं. दलहन के थोक भावों में पिछले कुछ समय से कमी दर्ज की जा रही है. वहीं आयातक देशों जैसे इंडोनेशिया, मलेशिया, ब्राजील, अर्जेंटीना में तिलहन की पैदावार पिछले बार के मुकाबले बढ़ने के पूरे आसार हैं. मॉनसून की वजह से पैदावार में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं. इससे खाद्य तेल की कीमतों के कम होने की संभावना बन रही है. कुल मिलाकर अगले 6 महीनों तक बढ़ती महंगाई की लगाम कसी हुई नजर आने वाली है.