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खेसारी मिश्रित चने की खरीद से लाखों किसानों को होगा फायदा, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बड़ा बयान

किसानों की समस्या थी कि उनकी चने की उपज में खेसारी दाल मिली होती है, जिससे वे न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर चना नहीं बेच पाते थे व चने की एमएसपी नहीं मिलने से नुकसान होता था.

Updated on: 04 Jun 2020, 07:04 AM

नई दिल्ली:

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि मध्यप्रदेश में खेसारी मिश्रित चने (Chana) की खरीद की अनुमति से प्रदेश के 15 से अधिक जिलों के लाखों किसानों को फायदा होगा. केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश में दो प्रतिशत तक खेसारी मिश्रित चने की खरीद (Government Procurement) की अनुमति दी है. कृषि मंत्री तोमर ने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के साथ बैठक की थी. बैठक के दौरान चर्चा हुई थी कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस अथॉरिटी आफ इंडिया ने खेसारी बेचने पर प्रतिबंध लगाया था, जिससे चना उत्पादक बहुल म.प्र. के किसानों को नुकसान हो रहा है.

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सागर, विदिशा, दमोह, छतरपुर व रायसेन में चने का काफी उत्पादन
मध्यप्रदेश के सागर, विदिशा, दमोह, छतरपुर व रायसेन में चने का काफी उत्पादन होता है. गुना, धार, इंदौर, अशोक नगर, खंडवा, उज्जैन, देवास, शिवपुरी, हरदा, सीहोर आदि जिलों में भी हजारों किसान चना उगाते हैं. किसानों की समस्या थी कि उनकी चने की उपज में खेसारी दाल मिली होती है, जिससे वे न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर चना नहीं बेच पाते थे व चने की एमएसपी नहीं मिलने से नुकसान होता था. चने से खेसारी अलग करना भी आसान नहीं होता, जिससे वे सरकारी खरीद केंद्रों पर नहीं दे पा रहे थे.

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केंद्र सरकार ने इन लाखों किसानों की तकलीफ समझते हुए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) को निर्देशित किया, जिसके बाद नाफेड ने अपनी सभी शाखाओं तथा अन्य एजेंसी से कहा है कि चने में खेसारी दो प्रतिशत तक मान्य होगी. म.प्र. में इस बार लगभग 35 लाख टन चना उत्पादन हुआ है. सागर, विदिशा, दमोह, छतरपुर व रायसेन जिलों में इसका एक-चैथाई उत्पादन है. चने की एमएसपी 4,875 रुपये प्रति क्विंटल है. म.प्र. में लगभग 3.70 लाख टन चने की खरीद हो चुकी है, वहीं करीब 5 लाख टन चने की और खरीद होगी, जो अगले महीने तक चलेगी.