Crude Rate Today: कोरोना वायरस के कहर से टूटा कच्चा तेल, 5 महीने के निचले स्तर पर भाव
Crude Rate Today: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बीते एक सप्ताह में बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के दाम में करीब पांच डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आई है.
नई दिल्ली:
Crude Rate Today: कोरोना के गहराते प्रकोप से निपटने के लिए यूरोप में लॉकडाउन से वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंकाओं से फिर कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट आई है. वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव पांच महीने के निचले स्तर पर आ गया है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बीते एक सप्ताह में बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के दाम में करीब पांच डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आई है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आई गिरावट से भारतीय वायदा बाजाद में भी बीते एक सप्ताह में करीब 400 रुपये प्रति बैरल की गिरावट आई है.
यह भी पढ़ें: पानी से सस्ता हो गया कच्चा तेल, पेट्रोल-डीजल भी सस्ता होने की उम्मीद बढ़ी
29 मई के निचले स्तर पर पहुंचा MCX क्रूड
घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर कच्चे तेल के नवंबर वायदा अनुबंध में बीते सत्र से 83 रुपये यानी 3.14 फीसदी की गिरावट के साथ 2,559 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 2,544 रुपये प्रति बैरल तक टूटा, जोकि 29 मई के बाद का सबसे निचला स्तर है जब तेल का भाव 2,450 रुपये प्रति बैरल तक टूटा था. अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के जनवरी डिलीवरी अनुबंध में बीते सत्र के मुकाबले 3.06 फीसदी की गिरावट के साथ 36.78 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 35.76 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा था जो करीब पांच महीने का सबसे निचला स्तर है.
यह भी पढ़ें: अर्थव्यवस्था के लिए राहत, लगातार तीसरे महीने मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में सुधार
इसी प्रकार, अमेरिकी क्रूड वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के दिसंबर डिलीवरी अनुबंध में भी बीते सत्र से 3.66 फीसदी की कमजोरी के साथ 34.48 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 33.65 डॉलर तक टूटा था जोकि 29 मई के बाद का सबसे निचला स्तर है जब डब्ल्यूटीआई का भाव 32.36 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा था.
कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट की पांच मुख्य वजह
- कोरोना का कहर दोबारा गहराने से तेल की मांग में कमी की आशंका बनी हुई है.
- अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है.
- लीबिया और इराक से तेल की आपूर्ति बढ़ने से ओपेक के अन्य सदस्यों देशों द्वारा किए जा रहे उत्पादन में कटौती के बावजूद समूह की आपूर्ति में वृद्धि हो रही है.
- आईईए का अनुमान है कि कोरोना महामारी का असर लंबे समय तक रह सकता है जिससे तेल की वैश्विक मांग के मामले में यह सदी का सबसे कमजोर दशक रह सकता है. उधर, ओपेक प्रमुख का कहना है कि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने से तेल में रिकवरी में विलंब हो सकता है.
- अमेरिका में तेल के भंडार में 23 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान 43.2 लाख बैरल का इजाफा हुआ। कोरोना महामारी के चलते अमेरिका में तेल की मांग में पिछले साल के मुकाबले करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है.
क्या कहते हैं जानकार
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी एवं करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने बताया कि कोरोना के कहर के चलते तेल की मांग कमजोर रहने की आशंका से कीमतों में गिरावट आई है और आगे डब्ल्यूटीआई का भाव 30 डॉलर जबकि ब्रेंट क्रूड का 32 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकता है.
यह भी पढ़ें: बैंकों को कर्जदारों को ब्याज पर ब्याज लौटाने को कहा गया, RBI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने भी बताया कि कोरोन के कहर के चलते यूरोप में लॉकडाउन होने से तेल की मांग में कमी की आशंका बनी हुई है जिससे अक्टूबर महीने में कच्चे तेल के भाव में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक उथल-पुथल को लेकर भी कारोबारी असमंजस में हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी