Economic Survey 2021: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21
Economic Survey 2021: केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) तीसरी बार आम बजट (Union Budget 2021-22) पेश करेंगी.
नई दिल्ली :
Economic Survey 2021: केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey 2020-21) को पेश कर दिया है. बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट 1 फरवरी 2021 को पेश करने जा रही है. केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) तीसरी बार आम बजट (Union Budget 2021-22) पेश करेंगी. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को पहली बार आम बजट पेश किया था.
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन के साथ होगी बजट सत्र की शुरुआत
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) द्वारा दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ बजट सत्र की शुरुआत हो गई. बता दें कि सामान्तया बजट के एक दिन पहले आर्थिक सर्वे पेश किया जाता है. हालांकि इस बार बजट से तीन दिन पहले वित्त वर्ष 2020-21 का आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) आज संसद में पेश कर दिया गया. बता दें कि मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में आर्थिक सर्वेक्षण को तैयार किया जाता है. मौजूदा समय में मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन (Krishnamurthy Subramanian) हैं.
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सबसे प्रमाणिक दस्तावेज माना जाता है इकोनॉमिक सर्वे
आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) को वित्त मंत्रालय का सबसे प्रमाणिक दस्तावेज माना जाता है. आर्थिक सर्वे में आर्थिक विकास का सालाना लेखाजोखा होता है. आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं को समेटते हुए विस्तृत सांख्यिकी आंकड़े देता है. पिछले 1 साल में अर्थव्यस्था और सरकारी योजनाओं में क्या प्रगति हुई है. इसकी जानकारी भी आर्थिक सर्वेक्षण (Eco Survey) के जरिए ही मिलती है.
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2 हिस्सों में होता है आर्थिक सर्वेक्षण
वर्ष 2015 के बाद आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) को दो हिस्से में बांट दिया गया था. पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था के बारे में जिक्र किया जाता है, जो कि बजट से 1 दिन पहले जारी किया जाता है. वहीं दूसरी हिस्से में महत्वपूर्ण आंकड़े शामिल होते हैं. बता दें कि फरवरी 2017 के बाद बजट के पेश करने के समय में बदलाव कर दिया गया. आर्थिक सर्वेक्षण में नीतिगत फैसले, आर्थिक आंकड़े, आर्थिक रिसर्च और क्षेत्रवार आर्थिक रूझानों का विश्लेषण शामिल होता है. सामान्तया ये माना जाता है कि आर्थिक सर्वेक्षण बजट के लिए दिशानिर्देश के रूप में भी कार्य करता है.
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