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Budget 2021: हेल्थ और इंफ्रास्ट्रक्टर सेक्टर के लिए सरकार कर सकती है बड़ी घोषणाएं

Budget 2021: जानकारी के मुताबिक एम्स जैसे और नए अस्पतालों को बनाने की योजना है. हेल्थ सेक्टर के लिए 80 हज़ार करोड़ रुपये फंड का ऐलान हो सकता है.

Updated on: 29 Jan 2021, 11:40 AM

नई दिल्ली :

Budget 2021: देश कोरोना काल से गुज़र रहा है. 2020 ज़्यादातर लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया जिसमें दुकानों से लेकर बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री को भी लोहे के चने चबाने पड़ गए. कोरोना ने न सिर्फ जान ली, बल्कि लोगों की आर्थिक तौर पर कमर तोड़ दी और फिर ऐसे में सबसे ज़्यादा ज़रूरत पड़ी हेल्थ सेक्टर की और उससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की. इस बार के बजट में स्वास्थ्य को देखते हुए कई घोषणाएं होने की उम्मीद है. देश बदल रहा है बड़े बड़े हाईवेज़, फ्लाईओवर, गगन चुम्बी इमारते, वाटर वेज़ हवाई यात्रा से लेकर, बुलेट ट्रेन का सपना पूरा करना है ऐसे में बजट में इंफ्रास्ट्रक्टर का क्या हाल है.

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एम्स जैसे नए अस्पताल बनाने का हो सकता है ऐलान
जानकारी के मुताबिक AIIMS जैसे और नए अस्पतालों को बनाने की योजना है. हेल्थ सेक्टर के लिए 80 हज़ार करोड़ रुपये फंड का ऐलान हो सकता है. साथ ही हीथ इंश्योरेंट पर सरकार की स्कीम पर निवेश से लोगों को फायदा देने पर ज़ोर रह सकता है. वहीं ग्रामीण इलाकों में हेल्थ इंफ्रा पर ज़ोर दिया जाएगा. इस बार के बजट में सरकार इंफ्रा के ज़रिए बेहतर कनेक्टिविटी पर ज़ोर देगी. बजट 2021-22 में रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर में ग्रामीण सड़क योजना का बजट बढ़ने की उम्मीद है. 

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हेल्थ सेक्टर में हॉस्पिटल के लिए बड़ी घोषणाएं संभव है. वहीं पोर्ट, एयरपोर्ट के लिए प्राइवेट सेक्टर से निवेश के लिए प्रोत्साहन ऐलान संभव है. इंफ्रा छेत्र में कुछ सालों में 5 लाख करोड़ के निवेश का प्लान सरकार तय कर रही है. सरकार किसानों की आय को बढ़ाना चाहती है. ऐसे में कृषि सेक्टर से जुड़े इन्फ्रास्क्चर पर विशेष जोर दिया जा सकता है. 

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इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र की बुनियादी ढांचे से जुड़ी तमाम योजनाओं के लिए अतिरिक्त फंड देने की उम्मीद है. देश में इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट्स,रोडवेज़ कनेक्टिविटी, टेलीकम्यूनिकेशन, रेलवे, सिंचाई, वॉटर सप्लाई, पोर्ट, स्टोरिंग फैसिलिटी, तेल और गैस सप्लाई जैसे छेत्रों में निवेश ज़्यादा से ज़्यादा आ सके. इस बार के बजट में सेक्टोरल डेवलपमेंट पर ज़्यादा फोकस रहने वाला है. के सेक्टर में बड़े निवेश की जरूरत है ताकि बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार दिया जा सके. सरकार की कोशिश है कि 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था पर जितना ज़ोर दिया जा सके बेहतर होगा ताकि जीडीपी ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाई जाए इससे रोजगार की बढ़ोतरी में मदद मिले.