Budget 2025: हर वर्ष केंद्रीय बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्रालय में एक खास परंपरा को निभाया जाता रहा है. इसे हलवा समारोह कहा जाता है. इस साल भी यह परंपरा होगी. हलवा समारोह भारतीय बजट प्रक्रिया का एक अहम भाग है. यह दर्शाता है कि बजट बनकर तैयार हो चुका है.
इस आयोजन में बजट को तैयार करने वाले सभी अफसर और वित्त मंत्रालय के अफसरों को शामिल किया जाता है. सभी कर्मचारियों को एकत्र करके हलावा सेरेमनी मनाई जाती है. हलवे को सभी के बीच वितरित किया जाता है. यह एक परंपरा की तरह है. इसकी एक वजह है कि जिस तरह से भारतीय संस्कृति में किसी भी तरह के शुभ कार्य को करने की शुरुआत मिठाई बांटने से होती है. उसी तरह यहां पर भी बजट के पूर्ण होने पर सभी कर्मचारियों का मुंह मीठा कराया जाता है.
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बजट प्रक्रिया में कर्मचारियों का बाहर जाना होता है बैन
हलवा समारोह के बाद बजट तैयार करने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को मंत्रालय के अंदर ही रहना होता है. सूचना लीक न हो और इसकी गोपनीयता बनी रहे, इसके लिए बाहरी दुनिया से पूरी तरह से संपर्क को काट दिया जाता है. इस दौरान उनके मोबाइल फोन को जमा करा लिया जाता है. उनका संपर्क परिवार या दोस्तों टूट जाता है.
हलवा समारोह की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
हलवा समारोह की परंपरा 1950 के बजट के बाद पड़ी. उस समय बजट लीक हो गया था. इसके बाद गोपनीयता को बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान दिया जाने लगा. अब बजट आने से पहले दस्तावेजों की छपाई काम वित्त मंत्रालय के अत्यधिक सुरक्षित तहखाने में होती है.
हलवा समारोह का लक्ष्य
यह परंपरा केवल मिठाई बांटने के आयोजन तक सीमित नहीं है. यह बजट तैयार करने में कड़ी मेहनत के प्रतीक की तरह माना जाता है. यह जश्न मनाने का तरीका है. इस प्रक्रिया में टीम के सदस्यों को उनके लक्ष्य की ओर प्रेरित किया जाता है.