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ये चार बैंक हो सकते हैं सरकारी से प्राइवेट, कितना सुरक्षित है आपका पैसा, जानिए यहां

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने प्राइवेटाइजेशन के लिए 4 सरकारी बैंकों को शॉर्टलिस्ट किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन चार में से दो बैंक का निजीकरण अगले वित्त वर्ष यानि 2021-22 में हो सकता है.

Updated on: 17 Feb 2021, 01:58 PM

highlights

  • निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का किया था ऐलान 
  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन चार में से दो बैंक का निजीकरण अगले वित्त वर्ष यानि 2021-22 में हो सकता है

नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी को बजट 2021-22 (Budget 2021-22) पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण (Privatisation) का ऐलान किया था. केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार (Modi Government) ने प्राइवेटाइजेशन के लिए 4 सरकारी बैंकों (Government Banks) को शॉर्ट लिस्ट किया हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये चार बैंक हैं बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India-BOI), इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India).

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सबसे पहले मिड साइज बैंकों का हो सकता है निजीकरण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन चार में से दो बैंक का निजीकरण अगले वित्त वर्ष यानि 2021-22 में हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले 5 से 6 महीने में बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सबसे पहले मिड साइज के बैंकों का निजीकरण कर सकती है. बता दें कि मौजूदा समय में बैंक ऑफ इंडिया (BOI) में तकरीबन 50 हजार कर्मचारी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में करीब 33 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं. बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 13,000 कर्मचारी और इंडियन ओवरसीज बैंक में 26,000 कार्यरत हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्मचारियों की संख्या सबसे कम होने की वजह से सरकार सबसे पहले बैंक ऑफ महाराष्ट्र के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर सकती है. 

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इन दो कानूनों में हो सकता है संशोधन
सरकार इस साल सरकारी बैंकों के निजीकरण (PSU Banks Privatisation) की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए दो कानूनों में संशोधन कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार बैंकों के निजीकरण के लिए बैंकिंग कंपनीज (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1980 और बैंकिंग कंपनीज (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट 1970 (Banking Companies (Acquisition and Transfer of Undertakings) Act, 1970) में संशोधन कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार मॉनसून सत्र में दोनों कानून में संशोधन का प्रस्ताव ला सकती है. जानकारों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति का अकाउंट इन बैंकों में हैं तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. उनका पैसा इन बैंकों में पूरी तरह से सुरक्षित है.