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एक्शन में RBI, 2 सहकारी बैंक समेत 1 NBFC पर लगाया जुर्माना

RBI ने जीजामाता महिला सहकारी बैंक, दि मुस्लिम को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और एनबीएफसी, शेयद शरीयत फाइनेंस लिमिटेड पर नियमों के उल्लघंन को लेकर जुर्माना लगाया है.

Updated on: 27 Aug 2021, 01:45 PM

highlights

  • जीजामाता महिला सहकारी बैंक पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
  • दि मुस्लिम को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 2 लाख रुपये का जुर्माना

नई दिल्ली :

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India-RBI) ने नियामकीय नियमों के उल्लघंन की वजह से 2 सहकारी बैंकों समेत 1 गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के ऊपर जुर्माना लगा दिया है. RBI ने 26 अगस्त 2021 के आदेश द्वारा जीजामाता महिला सहकारी बैंक (Jijamata Mahila Sahakari Bank), पुणे, महाराष्ट्र पर एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध-यूसीबी पर आरबीआई द्वारा जारी निदेशों का उल्लंघन और अननुपालन करने के लिए 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है.

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31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि नाममात्र सदस्यों के लिए अग्रिमों की उच्चतम सीमा का पालन नहीं किया गया. उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि उक्त निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए. नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान बैंक द्वारा किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद रिजर्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई के निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है.

दि मुस्लिम को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 2 लाख रुपये का जुर्माना
RBI ने 26 अगस्त 2021 के आदेश द्वारा, दि मुस्लिम को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (The Muslim Co-operative Bank Limited), पुणे, महाराष्ट्र पर KYC पर आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन/ अनुपालन न करने के लिए 2 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है. यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है. यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है.

31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि बैंक ने खातों का आवधिक केवाईसी अपडेशन नहीं किया था. उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि उक्त निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए. नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान बैंक द्वारा किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद रिजर्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है.

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शेयद शरीयत फाइनेंस पर 5 लाख रुपये का जुर्माना
आरबीआई ने यह भी कहा कि उसने अपने ग्राहक को जानिए दिशा-निर्देश, 2016 के कुछ प्रावधानों का पालन न करने के लिए एक एनबीएफसी, शेयद शरीयत फाइनेंस लि. पर भी 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. RBI ने 26 अगस्त 2021 के आदेश द्वारा सय्यद शरीयत फ़ाइनेंस लिमिटेड. तिरुनेलवेली, तमिलनाडु (कंपनी) पर भारतीय रिजर्व बैंक अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 के कतिपय प्रावधानों का अनुपालन न करने के लिए 5 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है.