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RBI Monetary Policy 6 Aug 2020: रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार

RBI Monetary Policy 6 Aug 2020: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) की अध्यक्षता वाली MPC की बैठक (RBI Credit Policy) में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं.

Updated on: 06 Aug 2020, 12:38 PM

मुंबई:

RBI Monetary Policy 6 Aug 2020: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) के गवर्नर की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee-MPC) की तीन दिन की बैठक चार अगस्त से शुरू होकर आज यानि 6 अगस्त को खत्म हो गई है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) की अध्यक्षता वाली MPC की बैठक (RBI Credit Policy) में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं करने की घोषणा की है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सभी 6 सदस्य ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने के पक्ष में थे. जानकारी के मुताबिक फरवरी से रेपो दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती हो चुकी है और बैंकों ने ग्राहकों को नए कर्ज पर इसमें से 0.72 प्रतिशत कटौती का लाभ भी दिया है. 

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RBI की मौजूदा दरें

  • Policy Repo Rate: 4.00%
  • Reverse Repo Rate: 3.35%
  • Marginal Standing Facility Rate: 4.25%
  • Bank Rate : 4.25%
  • CRR: 3%
  • SLR: 18.00%

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भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी शुरू: शक्तिकांत दास
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी शुरू हो गई है. भारत के फॉरेक्स रिजर्व में बढ़ोतरी देखने को मिली है. हालांकि उन्होंने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति अभी भी कमजोर है और जनवरी से जून के दौरान ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति कमजोर रही है. उन्होंने कहा कि 31 जुलाई तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 53,460 करोड़ डॉलर हो गया है. MPC ने पॉलिसी पर नरम रुख बरकरार रखा है. दास ने कहा कि रिटेल महंगाई नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि दूसरी छमाही में महंगाई दर घटने का अनुमान है. हालांकि उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने का खतरा बरकरार है.

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चालू वित्त वर्ष में GDP ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान
शक्तिकांत दास ने कहा कि NBFC के लिए अब फंड जुटाना आसान हो सकता है और क्रेडिट फ्लो सुधारने के लिए RBI कदम उठाएगा. कंपनियों के बॉन्ड पर रिस्क प्रीमियम कम हुआ है. अच्छी पैदावार से ग्रामीण इकोनॉमी में रिकवरी देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि इकोनॉमिक रिवाइवल के लिए महंगाई पर नजर रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि Franklin Templeton संकट के बाद म्यूचुअल फंड में स्थिरता देखी जा रही है. रिजर्व बैंक ने पॉलिसी में NABARD और NHB के लिए 10,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी का ऐलान किया है. इसके अलावा आरबीआई ने COVID-19 संकट पर स्पेशल रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क भी बनाया है. RBI ने KV Kamath की अध्यक्षता में कमेटी के गठन का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि सोना और ज्वैलरी पर 90 फीसदी तक कर्ज मिलेगा.

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क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट

रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है जिस दर पर रिजर्व बैंक (RBI) दूसरे व्यवसायिक बैंक को कर्ज देता है. व्यवसायिक बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेकर अपने ग्राहकों को लोन ऑफर करते हैं. रेपो रेट कम होने से आपके लिए लोन की दरें भी कम होती हैं. वहीं रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) वह दर होती है जिस पर बैंकों को रिजर्व बैंक में जमा उनकी पूंजी पर ब्याज मिलता है.