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जमाकर्ताओं की सुरक्षा के लिए बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट में कर रहे हैं बदलाव की कोशिश

वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि बैंकों में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की वजह से जमाकर्ताओं को काफी परेशानी उठानी पड़ी है.

Updated on: 16 Sep 2020, 04:26 PM

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा में बैंकिंग नियमन (संशोधन) विधेयक पर बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार बैंक अकाउंट होल्डर्स की सुरक्षा के लिए संशोधन लाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि बैंकों में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की वजह से जमाकर्ताओं को काफी परेशानी उठानी पड़ी है. वित्त मंत्री ने लोकसभा में कहा कि मौजूदा समय में 277 शहरी सहकारी बैंकों (Urban Cooperative Banks) की वित्तीय स्थिति कमजोर है.

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उन्होंने कहा कि इसके अलावा 105 सहकारी बैंक न्यूनतम नियामक पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने में असमर्थ हैं और 47 बैंकों की नेटवर्थ नकारात्मक है. साथ ही 328 शहरी सहकारी बैंकों में 15 फीसदी से अधिक एनपीए अनुपात है.

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बता दें कि लोकसभा में सोमवार को बैंकिंग नियमन (संशोधन) विधेयक पेश किया गया था जिसमें जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिये बेहतर प्रबंधन और समुचित नियमन के जरिये सहकारी बैंकों को बैकिंग क्षेत्र में हो रहे बदलावों के अनुरूप बनाने का प्रावधान किया गया है. कांग्रेस के शशि थरूर और तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय सहित कुछ विपक्षी सदस्यों ने विधेयक पेश करने का विरोध किया और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण कर रही है. विपक्षी दलों के आरोपों को खारिज करते हुए वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा था कि राज्यों के सहकारिता कानूनों को नहीं छुआ गया है और प्रस्तावित कानून इन बैंकों में वैसा ही नियमन लाना चाहता है, जैसे दूसरे बैंकों पर लागू होते हैं.

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277 शहरी सहकारी बैंकों के नुकसान में होने की खबर: निर्मला सीतारमण

उन्होंने कहा कि यह उन सहकारी बैंकों पर लागू होगा जो बैंक, बैंकर और बैंकिंग से संबंधित होंगे. उन्होंने कहा कि 277 शहरी सहकारी बैंकों के नुकसान में होने की खबरें हैं. इससे पहले थरूर ने कहा कि यह विधेयक संघीय ढांचे का अतिक्रमण है. वहीं, सौगत राय ने दावा किया कि राज्यों के अधिकारों को निशाना बनाया जा रहा है.