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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण( Photo Credit : फाइल फोटो)
कोरोना वायरस के खात्मे के लिए लॉकडाउन किया गया. लेकिनलॉकडाउन (Lockdown) की वजह से अर्थव्यवस्था का बुरा हाल हो गया. हर सेक्टर में त्राहिमाम वाली स्थित बन गई है. हालांकि मोदी सरकार पूरी कोशिश में लगी हुई है कि कोरोना वायरस के साथ-साथ वो अर्थव्यवस्था को भी संभाल ले. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि सरकारी बैंकों द्वारा 5.66 लाख करोड़ रुपये के कर्ज देने को मंजूरी मिल गयी है. जिससे अर्थव्यवस्था को फिर से रफ्तार मिलेगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने ट्वीट कहा, 'मार्च से अप्रैल 2020 के बीच सरकारी बैंकों द्वारा 41.81 लाख खातों के लिए 5.66 लाख करोड़ रुपये के कर्ज देने को मंजूरी मिल गयी है. ये कर्ज MSME, रिटेल लोन जिसमें होमलोन शामिल है, कृषि लोन और कॉरपोरेट सेक्टर को भी कर्ज देने को मंजूरी मिल गयी है. इन मंजूर किये गए कर्ज के disbursal का इंतजार है जो लॉक डाउन हटने के बाद किया जाएगा. जिससे अर्थव्यवस्था फिर रफ्तार पकड़ेगा.'
During March-April 2020, PSBs sanctioned loans worth Rs 5.66 lakh cr for more than 41.81 lakh accounts. These borrowers are from MSME, Retail, Agriculture & Corporate sectors, waiting for disbursal soon after #lockdown lifts. Economy poised to recover! @FinMinIndia@DFS_India
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) May 7, 2020
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इधर, कोविड-19 संकट के बीच व्यापारियों ने कहा है कि उनके लिए अपने कर्मचारियों का अप्रैल माह का पूरा वेतन दे पाना काफी मुश्किल है. व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस मामले में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से हस्तक्षेप की अपील की है.
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इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी कैट ने बुधवार को एक पत्र भेजकर व्यापारियों को आपसी सहमति के तहत कर्मचारियों को वेतन देने की अनुमति देने को कहा है। ऐसे में व्यापारी अपने कर्मचारियों को उनकी जीविका चलाने के लिये 30 प्रतिशत वेतन दे सकते हैं। अन्यथा 50 प्रतिशत योगदान सरकार की तरफ से किया जाना चाहिये और 25 प्रतिशत का योगदान व्यापारी कर सकता है.
Source : Aamir Husain
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