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Canara Bank ने सस्ते कर दिए होम, ऑटो और पर्सनल लोन, यहां देखें दूसरे बैंकों से जुड़ी अन्य बड़ी खबरें

शेयर बाजार को दी सूचना के मुताबिक Canara Bank ने एक वर्ष की अवधि के ऋण पर एमसीएलआर में 0.05 प्रतिशत की कटौती की है. अब नयी दरें 7.40 प्रतिशत से घटकर 7.35 प्रतिशत होंगी. इसी तरह छह माह की अवधि के ऋण पर दरें 7.30 प्रतिशत रह जाएंगी.

Updated on: 07 Nov 2020, 11:05 AM

नई दिल्ली:

सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक (Canara Bank) ने कोष की सीमांत लागत आधारित ऋण ब्याज दर (MCLR) में 0.05 से 0.15 प्रतिशत तक की कटौती कर दी है. केनरा बैंक की बदली हुई दरें सात नवंबर 2020 यानि आज से प्रभावी हो जाएंगी. शेयर बाजार को दी सूचना के मुताबिक एक वर्ष की अवधि के ऋण पर एमसीएलआर में 0.05 प्रतिशत की कटौती की गयी है. अब नयी दरें 7.40 प्रतिशत से घटकर 7.35 प्रतिशत होंगी. इसी तरह छह माह की अवधि के ऋण पर दरें 7.30 प्रतिशत रह जाएंगी.

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वहीं एक दिन और एक माह के ऋण पर ब्याज दरें 0.15 प्रतिशत घटकर 6.80 प्रतिशत जबकि तीन माह की अवधि के ऋण पर 7.10 प्रतिशत से गिरकर 6.95 प्रतिशत रह जाएंगी. इससे पहले गुरुवार यानि 5 नवंबर 2020 को इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी एमसीएलआर में 0.05 से 0.50 प्रतिशत तक की कटौती की थी. इंडियन ओवरसीज बैंक की नयी दरें 10 नवंबर से प्रभावी होंगी.

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इंडियन ओवरसीज बैंक को सितंबर तिमाही में 148 करोड़ रुपये का मुनाफा

सरकारी क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 148 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ. बैंक ने कहा कि संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार होने से यह लाभ हुआ है. बैंक को साल भर पहले की इसी तिमाही में 2,254 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. बैंक का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की तुलना में 22.3 प्रतिशत बढ़ा है. पहली तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 121 करोड़ रुपये रहा था. बैंक ने शेयर बाजारों से कहा कि इस दौरान उसकी कुल आय साल भर पहले के 5,024 करोड़ रुपये से 8.1 प्रतिशत बढ़कर 5,431 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी. इस दौरान उसकी ब्याज से प्राप्त आय साल भर पहले के 4,276 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,363 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी.

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बैंक ने कहा कि आलोच्य अवधि के दौरान उसकी संपत्ति की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. इस दौरान बैंक की सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 20 प्रतिशत से कम होकर 13.04 प्रतिशत पर आ गयी. मूल्य के संदर्भ में यह 28,673.95 करोड़ रुपये से कम होकर 17,659.63 करोड़ रुपये रह गयी. इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए 9.84 प्रतिशत यानी 12,507.97 करोड़ रुपये से कम होकर 4.30 प्रतिशत यानी 5,920.60 करोड़ रुपये रह गया. इसके कारण एनपीए व अन्य कारकों के लिये किया जाने वाला प्रावधान 2,996.04 करोड़ रुपये से कम होकर 1,192.55 करोड़ रुपये पर आ गया. इससे बैंक को अंतत: लाभ प्राप्त हुआ.

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का शुद्ध लाभ दूसरी तिमाही में 55 प्रतिशत उछलकर 517 करोड़ रुपये रहा 

सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में तिमाही आधार पर 55.3 प्रतिशत उछलकर 517 करोड़ रुपये हो गया. यूबीआई ने शुक्रवार को कहा कि इसी वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में बैंक को 333 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. वहीं, पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में बैंकों को 1,194 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. बैंक की शुद्ध ब्याज आय चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.1 प्रतिशत बढ़कर 6,293 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 2019-20 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 5,934 करोड़ रुपये थी. 

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यूबीआई की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही सकल कर्ज का 14.71 प्रतिशत रही जो एक साल पहले 2019-20 इस तिमाही में 15.75 प्रतिशत थी. बैंक का शुद्ध एनपीए यानी फंसा कर्ज आलोच्य तिमाही में घटकर 4.13 प्रतिशत रहा जो एक साल पहले जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.40 प्रतिशत था.

सेंट्रल बैंक का शुद्ध लाभ दूसरी तिमाही में 20 प्रतिशत बढ़कर 161 करोड़ रुपये रहा

सेंट्रल बैंक का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में 20 प्रतिशत बढ़कर 161 करोड़ रुपये हो गया. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में उसे 134 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. बैंक ने कहा कि उसकी कुल आय चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में करीब 2 प्रतिशत बढ़कर 6,833.94 करोड़ रुपये रही. एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में यह 6,703.71 करोड़ रुपये रही थी. बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) सकल कर्ज के प्रतिशत के रूप में सितंबर, 2020 को समाप्त तिमाही में घटकर 17.36 प्रतिशत रही जो एक साल पहले सितंबर, 2019 में 19.89 प्रतिशत थी.

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शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्ति आलोच्य अवधि में कम होकर 5.60 प्रतिशत रही जो एक साल पहले 2019-20 की दूसरी तिमाही में 7.90 प्रतिशत थी. निरपेक्ष रूप से सकल एनपीए 30,785.43 करोड़ रुपये रहा जो 2019-20 की दूसरी तिमाही में 33,497.22 करोड़ रुपये था. वहीं शुद्ध एनपीए 8,683.58 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 2019-20 की दूसरी तिमाही में 11,551.91 करोड़ रुपये रहा था. हालांकि बैंक का एनपीए यानी फंसे कर्ज और आकस्मिक व्यय के एवज में प्रावधान चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बढ़कर 1,104.92 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 791.33 करोड़ रुपये था.