Budget 2019: क्या आप जानते हैं भारत में पहली बार किसने बजट पेश किया था
वैसे तो भारत में बजट (Budget) का इतिहास 150 साल से अधिक पुराना है, लेकिन भारत में सबसे पहला बजट (First Budget of india) किसने पेश किया था
नई दिल्ली:
वैसे तो भारत में बजट (Budget) का इतिहास 150 साल से अधिक पुराना है, लेकिन भारत में सबसे पहला बजट (First Budget of india) किसने पेश किया था,शायद इसे बहुत कम लोग ही जानते हैं. विकिपीडिया के अनुसार 1860 में भारत का पहला बजट बना था. 9 अक्टूबर, 1946 से लेकर 14 अगस्त 1947 तक की अवधि के लिए अंतरिम सरकार के वित्तमंत्री रहे लियाकत अली खां ने भारत के आजाद होने के ठीक पहले का बजट पेश किया था. इसके बाद आजाद भारत का पहला बजट तत्कालीन वित्तमंत्री आर के षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 में पेश किया था.
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भारत के पहले बजट को पेश करने का काम जेम्स विल्सन ने किया था. इन्होंने 18 फरवरी 1860 को वायसराय की परिषद में पहली बार बजट पेश किया. विल्सन को पहली बार वित्त विशेषज्ञ के रूप में वायसराय की परिषद का वित्त सदस्य नियुक्त किया गया था. यही वजह है कि जेम्स विल्सन को भारतीय बजट का संस्थापक भी कहा जाता है. 1860 के बाद से हर साल बजट वायसराय की परिषद में पेश किया जाने लगा.
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बता दें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में भारत के केंद्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में निर्दिष्ट किया गया है. जो कि भारतीय गणराज्य का वार्षिक बजट होता है. जिसे प्रत्येक वर्ष फरवरी के अंतिम कार्य-दिवस को भारत के वित्त मंत्री संसद में पेश करते रहे हैं. यह बात दीगर है कि 2017 से इसे फरवरी के पहले दिन पेश किया जा रहा है. भारतीय वित्त वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल से होती है. संविधान के अनुसार बजट को लागू करने से पूर्व संसद द्वारा पास करना आवश्यक होता है.
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बजट का समय बदला
1924 से लेकर 1999 तक बजट फरवरी के अंतिम कार्यकारी दिन शाम पांच बजे पेश किया जाता था यह प्रथा सर बेसिल ब्लैकैट ने 1924 में शुरु की थी इसके पीछे का कारण रात भर जागकर वित्तिय लेखा जोखा जोखा तैयार करने वाले अधिकारियोँ को अराम देना था 2000 में पहली बार यशवंत सिन्हा ने बजट सुबह 11 बजे पेश किया।
अंतरिम बजट
आरके षणमुखम चेट्टी ने 1948-49 के बजट में पहली बार अंतिरम शब्द का प्रयोग किया तब से लघु अवधि के बजट के लिए इस शब्द का इस्तेमाल शुरू हुआ।
गणतंत्र भारत का पहला बजट
भारतीय गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जान मथाई ने पेश किया था इस बजट में योजना आयोग की स्थापना का वर्णन किया था। सीडी देशमुख वित्त मंत्री होने के साथ रिजर्व बैंक के पहले गवर्नर भी थे। उन्होने 1951-52 में अंतरिम बजट पेश किया। 1955-56 से बजट पेपर हिंदी में तैयार किए जाने लगे।
प्रधानमंत्री द्वारा बजट पेश
1958-59 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने बजट पेश किया उस समय वित्त मंत्रालय उनके पास था ऐसा करने वाले वे देश के पहले प्रधानमंत्री बने इंदिरा गांधी ने भी प्रधानमंत्री रहते बजट पेश किया अब तक बजट पेश करने वाली और वित्त मंत्री का पद संभालने वाली वे देश की इकलौती महिला है।
सर्वाधिक बजट पेश करने का रिकार्ड
मोरारजी देसाई ने अब तक सर्वाधिक दस बार बजट पेश किया है छह बार वित्त मंत्री और चार बार उप प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने ऐसा किया अपने जन्मदिन पर भी बजट पेश करने वाले भी वह एकमात्र मंत्री है।
हलवा खाने की रस्म
बजट छपने के लिए भेजे जाने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा खाने की रस्म निभाई जाती है। इस रस्म के बाद बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय के संबधित अधिकारी किसी के संपर्क में नहीं रहते परिवार से दूर उन्हें वित्त मंत्रालय में ही रुकना पड़ता है।
काला धन बाहर लाने के प्रयास
वित्त मंत्री टीटी कृष्णमाचारी ने 1964-65 में पहली बार वीडीआइएस स्कीम के जरिए छुपे हुए धन को बाहर निकालने की कोशिश की. 1965-66 के बजट में काला धन निकासी के लिए पहली बार स्कीम लांच की गई। 1973-74 के बजट को ब्लैक बजट का नाम दिया गया क्योंकि इसमें बजटीय घाटा 550 करोड़ रुपये था।
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