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Viral: 10 साल पुरानी गाड़ियां दिल्ली एनसीआर में चलेंगी, मंत्रालय का जवाब

आये दिन सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ वायरल होता रहता है. जिसके बारे में कई बार फेक्ट चेक किया जाता है. इसी में से इन दिनों एक पोस्ट वायरल हो रहा है. हम सब जानते है कि 10 साल से पुरानी डीजल और 15 पुरानी पेट्रोल गाड़िया पूरे दिल्ली एनसीआर में बैन है. लेकिन

Updated on: 15 Feb 2023, 08:44 AM

highlights

  • पुराने गाड़ियां दिल्ली एनसीआर चलेगी, दावा
  • एनजीटी ने 2014 में ही पुरानी गाड़ियों बैन लगाया है
  • सड़क परिवहन मंत्रालय ने किया खंडन

नई दिल्ली:

आये दिन सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ वायरल होता रहता है. जिसके बारे में कई बार फेक्ट चेक किया जाता है. इसी में से इन दिनों एक पोस्ट वायरल हो रहा है. हम सब जानते है कि 10 साल से पुरानी डीजल और 15 पुरानी पेट्रोल गाड़िया पूरे दिल्ली एनसीआर में बैन है. लेकिन इससे संबंधित एक पोस्ट इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस पोस्ट में ये दावा किया जा रहा है सरकार ने पुराने डीजल और पेट्रोल गाड़ियों से बना हटा दिया है लेकिन इसके लिए कुछ नियमों का पालन करते हुए सरकार को टैक्स देना होगा.

वायरल पोस्ट में कहा जा रहा है कि पुराने गाड़ियों पर से बैन हटाने के लिए आपको 5 हजार का चलान कटवाना होगा. पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद केंद्रीय सड़क एंव परिवहन मंत्रालय ने इस खबर का खंडन करते हुए इसे फेक करार दिया. मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा है कि इन दिनों सोशल मीडिया पर फेक न्यूज वायरल हो रहा है. जानकारी देते बताया है कि 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर बैन नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल के आदेश से हुआ है. आगे उन्होंने बताया कि पोस्ट में ये दावा किया जा रहा है कि 5000 का चालान देकर रजिस्ट्रशेन के रिन्यूवल कराया जा सकता है. मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा कि यह बैन एनजीटी की ओर से किया गया है जिसका सुप्रीम कोर्ट ने समर्थन किया है. जो अभी तक लागू है.

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मंत्रालय ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि नोटिफिकेशन संख्या GSR 901(E) जो 22 दिसंबर 2022 को जारी किया गया था. मंत्रालय का कहना है कि मंत्रालय इस बात पर ध्यान दे रही है कि नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल के बैन को सही तरीके से लागू किया जा और कोई भी गाड़ी जिसका रजिस्ट्रेशन फैल है वो सड़क पर न चलने न पाये. देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर की हवा में प्रदूषण को कम करने और लोगों को साफ हवा में सांस लेने के लिए एएनजीटी ने बैन लगया है.